एजुकेशनवाराणसी

संविधान के अनुपालन से ही देश का वास्तविक विकास-मुहम्मद रिज़वान

जमीयत यूथ क्लब बनारस से संबंधित विभिन्न स्कूलों में मनाया गया राष्ट्रीय संविधान दिवस

संविधान से छेड़छाड़ पूर्वजों संग विश्वासघात एवं देश के साथ दुश्मनी-हाफ़िज़ ओबैदुल्लाह

वाराणसी। राष्ट्रीय संविधान दिवस पर जमीयत यूथ क्लब भारत स्काउट्स एंड गाइड्स से संबंधित विभिन्न स्कूलों में संविधान दिवस समारोह आयोजित किए गए।
सबसे पहले प्रातः 8 बजे गुलिस्तां पब्लिक स्कूल क़ाज़ीपुरा में स्कूल के प्रधानाचार्य एवं जमीयत यूथ क्लब बनारस के स्काउट काउंसलर मुहम्मद शाहिद ने संविधान के महत्व और जीवन में उसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। जमीयत यूथ क्लब बनारस के सचिव मुहम्मद रिज़वान ने संविधान निर्माण और उसके कार्यान्वयन पर संक्षिप्त प्रकाश डाला और कहा कि हमारे पूर्वजों ने देश को जो संविधान सौंपा है उसके अनुपालन में ही देश का वास्तविक विकास निहित है। तत्पश्चात मुहम्मद रिज़वान साहब के नेतृत्व में उपस्थित सभी बच्चों एवं अध्यापकों ने सामूहिक रूप से भारत के संविधान की प्रस्तावना को दोहराकर उसके सुरक्षा की शपथ ली। इसके बाद बाग ए नूर एकेडमी बाक़राबाद में कार्यक्रम आयोजित हुआ।यहां पर प्रधानाचार्य इमामुद्दीन, स्काउट टीचर अब्दुल माजिद एवं अन्य अध्यापकों की उपस्थिति में मुफ्ती वसीम ने संविधान के निर्माण एवं महत्व पर प्रकाश डाला तत्पश्चात जमीयत यूथ क्लब बनारस के रोवर काउंसलर मास्टर अब्दुल करीम के नेतृत्व में उपस्थित सभी बच्चों एवं अध्यापकों ने सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना को दोहराकर उसके सुरक्षा की शपथ ली। इसके उपरांत अलमानार ब्वॉयज स्कूल रेवड़ी तालाब में 10 बजे कार्यक्रम का आयोजन हुआ। स्काउट के सभी बच्चों को एकत्रित करके प्रधानाचार्य तबरेज़ जहांगीर एवं सेक्रेटरी मुहम्मद रिज़वान ने संबोधित किया एवं संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला जबकि रोवर काउंसलर अब्दुल करीम एवं अन्य अध्यापकों की उपस्थिति में स्काउट टीचर मुहम्मद राशिद के नेतृत्व में उपस्थित सभी लोगों ने सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना को दोहराकर उसके सुरक्षा की शपथ ली।
इस अवसर पर जमीयत यूथ क्लब बनारस के अध्यक्ष हाफ़िज़ ओबैदुल्लाह ने अपने संदेश में कहा कि भारत का संविधान इस प्रकार से बनाया गया है कि इसमें भारत के सभी नागरिकों को बिना किसी धार्मिक, जातीय, भाषा, क्षेत्र के भेदभाव के सामन अवसर एवं अधिकार दिए गए हैं। एक रिक्शे चलने वाले और एक अरबपति व्यक्ति को भी बतौर नागरिक समान अधिकार हैं। यदि कोई इसके मूल रूप से छेड़छाड़ की कल्पना भी करता है तो उसका ये कृत्य न सिर्फ हमारे पूर्वजों के साथ विश्वासघात है बल्कि वो देश के साथ दुश्मनी भी है।

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