
सहयोग और सहभागिता से ही सम्भव है उत्कृष्टता
सुशील कुमार मिश्र/ वाराणसी।आई०क्यू०ए०सी० महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के द्वारा संबद्ध महाविद्यालयों के लिए नैक एलसेसमेंट से जुड़ी कार्यशाला का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि सहयोग, सहभागिता और सहकारिता ही संस्थागत विकास की कुंजी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे कार्यक्रम न केवल NAAC प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने में सहायक हैं, बल्कि AQAR प्रस्तुतिकरण एवं गुणवत्ता सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय छपरा के पूर्व कुलपति एवं IQAC काशी विद्यापीठ के सम्मानित सदस्य प्रो हरिकेश सिंह जी जुडे रहे। नैक मूल्यांकन हेतु महाविद्यालयों को आगे आने के लिए प्रेरित किया और कहा कि हमे मूल्यांकन से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है बल्की इसे सकारात्मक दृष्टि से देखते हुए सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होने नई शिक्षा निति पर भी अपने सुझाव दिए और चर्चा की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डायरेक्टर एक्रीडिटेशन एवं रैंकिंग , डॉ संदीप गिरी जी ने नैक के वर्तमान प्रारूप, उससे जुडी समस्याओं एवं आवश्यक सुधारों की बात कही । IQAC निदेशक प्रो नंदिनी सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि महाविद्यालयों के साथ सतत संवाद द्वारा आगे भी इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे गुणवत्ता की संस्कृति और अधिक सुदृढ़ हो सके।कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम समन्वयक डॉ.अम्बरीष राय ने किया|
कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ० सुनीता पाण्डेय, प्राक्टर डॉ. के के सिंह सहित संबंध महाविद्यालयों के प्राचार्य , आई० क्यू० ए० सी० समन्वयक ,विश्वविद्यालय के DQAC समन्वयक तथा IQAC के आन्तरिक सदस्य प्रो० आनन्द शंकर चौधरी प्रो० अंकिता गुप्ता, डॉ० नीरज धनखड़, डॉ० प्रतिभा सिंह, डॉ० किरन सिंह, डॉ० दुर्गेश उपाध्याय आदि उपस्थित रहे ।




