
नई दिल्ली। भारत ने गाजा शांति योजना के प्रथम चरण पर हुए समझौते का स्वागत किया है। भारत ने इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल युद्धविराम, सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई और संवाद एवं कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान की अपनी अपील को एक बार फिर दोहराया है। भारत अब तक फिलिस्तीन को लगभग 135 मीट्रिक टन मानवतावादी सहायता भेज चुका है और यूएनआरडब्ल्यूए को 1.25 करोड़ अमेरिकी डॉलर का योगदान भी दे चुका है। विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में यह जानकारी दी।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद पी. वी. अब्दुल वहाब द्वारा गाजा में मानवीय संकट पर भारत के रुख का ब्यौरा मांगा गया था। राज्यसभा में पूछे गए प्रश्न के लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स और गुटनिरपेक्ष आंदोलन समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना रुख स्पष्ट किया है। उन्होंने बताया भारत ने लगभग 135 मीट्रिक टन मानवीय मदद दी है, जिसमें अक्टूबर 2023, नवंबर 2023, अक्टूबर 2024 और नवंबर 2024 में चार हिस्सों में 81.5 मीट्रिक टन दवाइयां और मेडिकल सप्लाई शामिल हैं। भारत ने तब से यूनाइटेड नेशंस रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी फॉर फिलिस्तीन रिफ्यूजीज इन द नियर ईस्ट (यूएनआरडब्ल्यूए) को कुल 12.5 मिलियन डॉलर भी जारी किए हैं, जिसमें नवंबर 2025 में 2.5 मिलियन डॉलर शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस इलाके और दुनिया भर के कई नेताओं से बात की है, जिनमें इजरायल के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति तथा विदेश मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने 22 सितंबर 2024 को न्यूयॉर्क में समिट ऑफ द फ्यूचर के मौके पर फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से मुलाकात की और सीजफायर, बंधकों को रिहा करने तथा बातचीत एवं डिप्लोमेसी के रास्ते पर लौटने की मांग की थी।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)



