
पुस्तकें हमें विनय योग्यता और ज्ञान की प्राप्ति कराती – कुलसचिव
सुशील कुमार मिश्र/ वाराणसी
“पुस्तकें ज्ञान का अनंत सागर हैं जो हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन करती हैं। शास्त्रों में कहा गया है, ‘विद्या ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम्। पात्रत्वाद् धनमाप्नोति धनाद् धर्मं ततः सुखम्।।
उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलसचिव राकेश कुमार (आईएएस) ने यहां आयोजित विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर व्यक्त किया।कुलसचिव राकेश कुमार ने कहा कि पुस्तकें हमें विनय, योग्यता और ज्ञान समृद्धि की प्राप्ति कराती हैं। पुस्तकें हमें जीवन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करती हैं और हमें सुखी जीवन की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन करती हैं।
पुस्तकों को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए कुलसचिव राकेश कुमार ने कहा कि विश्व पुस्तक दिवस पर, आइए हम पुस्तकों के महत्व को समझें और पढ़ने की आदत को अपने जीवन में अपनाएं। पुस्तकें हमें ज्ञान के नए द्वार खोलती हैं और हमें जीवन में सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाती हैं।इस संस्था के द्वारा ग्रंथों एवं पुस्तकों के महत्व को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की जरूरत संस्कृत विश्वविद्यालय में, हम पुस्तकों के महत्व को समझते हैं और छात्रों को पुस्तकों के प्रति आकर्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। हमें विश्वास है कि पुस्तकें हमारे छात्रों को ज्ञान के नए द्वार खोलेंगी और उन्हें जीवन में सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी।इस संस्था के द्वारा वैश्विक स्तर पर ग्रंथों एवं पुस्तकों के महत्व को स्थापित करने अथवा उपयोगिता को बताने की जरूरत है।पुस्तकों के अध्ययन से सकारात्मक विचार उत्पन्न होता है। निदेशक प्रकाशन संस्थान डॉ पद्माकर मिश्र ने इस अवसर पर पुस्तकों के महत्व को शास्त्रोक्त वचन के माध्यम से समझाया और पढ़ने की आदत को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
संस्कृत विश्वविद्यालय की भूमिका को भी रेखांकित करते हुये छात्रों को पुस्तकों के प्रति आकर्षित करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की सलाह दिया।पुस्तकों के अध्ययन से सकारात्मक विचार उत्पन्न होता है।प्रकाशन संस्थान के द्वारा दो ग्रंथो को भेंट किया।इस अवसर पर प्रकाशन संस्थान के द्वारा कुलसचिव राकेश कुमार को दो ग्रंथों को भेंट किया गया।दुर्गासप्तशती ग्रंथ का लोकार्पण- इस दौरान कुलसचिव राकेश कुमार ने प्रो गिरिजेश दीक्षित के द्वारा संपादित ग्रंथ का लोकार्पण भी किया कार्यक्रम के प्रारम्भ में-विश्व पुस्तक दिवस समारोह के प्रारम्भ में विद्यार्थियों के द्वारा सामूहिक वैदिक मंगलाचरण किया गया।माँ सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।प्रकाशन संस्थान के निदेशक के द्वारा मुख्य अतिथि कुलसचिव राकेश कुमार का को माल्यार्पण एवं अंगवस्त्र ओढ़ा कर स्वागत और अभिनंदन किया गया।




