वाराणसीस्वास्थ्य

BHU:भुवनेश्वर से आए तीर्थ यात्री ने मृत्यु के बाद नेत्रदान व देहदान किया

वैष्णव विहार, भुवनेश्वर निवासी महेंद्र सिंह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ तीर्थ यात्रा पर आए थे काशी में उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई

क्षेत्रीय नेत्र संस्थान बीएचयू के प्रोफेसर एवं विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर आरपी मौर्य ने सफलतापूर्वक दो व्यक्तियों को नेत्रदान प्रत्यारोपित कर उनकी आंख की रोशनी दिलाए

  वाराणसी । विगत सोमवार की रात, भुवनेश्वर से आये तीर्थयात्री ने नेत्रदान के बाद किया ” देहदान” तीर्थयात्री परिवार ने पहले क्षेत्रीय नेत्र संस्थान स्थित ‘बीएचयू,आई बैंक’ को मरणोपरांत नेत्रदान किया तथा बाद में बुधवार को मृतका का शरीर भी चिकित्सा विज्ञानं संस्थान के “एनाटोमी” ‘विभाग को दान कर दिया।

वैष्णव विहार, भुवनेश्वर निवासी महेंद्र सिंह अपनी पत्नी निर्मला सिंह एवं अपने पुत्रो के साथ अयोध्या,चित्रकूट,प्रयागराज,व बनारस के लिए तीर्थयात्रा पर आये थे अचानक तबीयत ख़राब होने पर ‘बीएचयू, के इमरजेंसी में इलाज हेतु लाया गया परन्तु इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी थी I उन्होंने क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के विभागाध्यक्ष एवं ‘बीएचयू,आई बैंक के चेयरमैन प्रोफेसर आर०पी० मौर्य से संपर्क करने नेत्रदान व देहदान की इच्छा जाहीर किया। ‘बीएचयू, आई बैंक’ की टीम ने सोमवार रात्रि को ही नेत्रदान करा दिया परन्तु पंचनामा आदि प्रक्रिया के बाद चिकित्सा विज्ञानं संस्थान के निदेशक एस. एन. संखवार के विशेष मदद से विशेष  महेन्द्र सिंह ने अपनी पत्नी स्वर्गीय श्रीमती निर्मला सिंह का पूरा शरीर मेडिकल की पढ़ाई के लिए एनोटामी (शरीर रचना) विभाग को बुधवार को दान कर दिया।

दान मे मिली दोनो कॉर्निया को आज विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर आर०पी० मौर्य ने दो मरीज़ों ( सुखपुरा, बलिया निवासी 65 वर्षिय पुरुष तथा नरोत्तमपुर,तड़िया ,वाराणसी, निवसी 45 वर्षिय पुरुष) को सफलतापूर्वक प्रत्यरोपित कर दिया I
आज दोपहर में प्रोफेसर मौर्य से महेंद्र सिंह की बातचीत हुई तथा ‘बीएचयू,नेत्र बैंक की तरफ से निदेशक चिकित्सा अधीक्षक व चेयरमैन नेत्र बैंक द्वारा हस्ताक्षरित
” नेत्र दाता सम्मान प्रमाणपत्र ” प्रदान किया गया।  महेन्द्र सिंह का परिवार आज शाम की फ्लाईट से वापस भुवनेश्वर चले गएI चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक,चिकित्सा अधीक्षक एनोटामी विभागाध्यक्ष तथा बी.एच.यूँ आई बैंक के चेयरमैन ने सिंह परिवार के इस पुण्य कार्य के लिए भूरी-भूरी प्रसंशा किया तथा समाज में अन्य लोगो को आगे आने के लिए आवश्यकता बताई।

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