वाराणसी। परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती महाराज सोमवार को प्रातः 10 बजे काशी से अगले गंतव्य की ओर पधार गए हैं।शंकराचार्य जी महाराज के प्रस्थान के समय भारी संख्या में सन्तों व भक्तों की भीड़ एकत्र हो गई थी। शंकराचार्य जी महाराज केदारघाट के बगल में स्थित श्रीविद्यामठ के नीचे गंगातट पर हो रहे पार्थिव शिवलिंग पूजन में सम्मलित होकर जल मार्ग से अस्सी गए जहां से सड़क मार्ग द्वारा बाबतपुर पहुंचे वहां से वायुमार्ग द्वारा शाकंभरी देवी शंकराचार्य आश्रम सहारनपुर हेतु प्रस्थान कर गए।
उक्त जानकारी देते हुए शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज आज से 15 दिसम्बर तक कुछ राज्यों के विभिन्न नगरों में आयोजित मांगलिक व धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेंगे।जिसके उपरांत शंकराचार्य जी महाराज 16 दिसम्बर से उत्तराखंड में शुरू हो रही शीतकालीन चारधाम यात्रा में सम्मलित होंगे। यात्रा आगामी पौष कृष्ण प्रतिप्रदा से सप्तमी तक तदअनुसार यात्रा 16 दिसम्बर से 22 दिसम्बर तक चलेगी।
ज्ञातव्य हो कि शीतकाल में भगवान की पूजा बन्द नही होती,केवल दर्शन-पूजन का स्थान परिवर्तित होता है। शीतकालीन चारधाम यात्रा से ग्रीष्कालीन यात्रा जितना ही फल प्राप्त होता है।यही जानकारी सनातनधर्मियों तक पहुचाने हेतु परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज ने यह शीतकालीन यात्रा पिछले वर्ष से प्रारम्भ की है।शंकराचार्य जी महाराज के प्रस्थान के समय उपस्थित भक्तों के नयन सजल हो गए थे।
शंकराचार्य जी महाराज के प्रस्थान के समय सर्वश्री-साध्वी पूर्णाम्बा दीदी,साध्वी शारदाम्बा दीदी,ब्रम्हचारी परमात्मानंद,रमेश उपाध्याय,सदानंद तिवारी,सतीश अग्रहरी,शैलेन्द्र योगी,नरोत्तम पारिख,सुनील शुक्ला,सक्षम सिंह योगी,ब्रम्हचारी चितप्रकाश,ब्रम्हचारी केशवानंद,अमन जी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु सम्मलित थे।