
(अमन) वाराणसी। मुक़द्दस रमजान के दूसरे जुमा (14 मार्च) की नमाज अकीदत और एहतराम के साथ सम्पन्न हो गई। इस दौरान मस्जिदों में नमाजियों का जहां हुजूम उमड़ा वहीं मस्जिदों का माहौल नमाजियों की भी भीड़ से नूरानी नज़र आया। इस दौरान लोगों ने रब से दुआएं मांगी। मस्जिद उल्फत बीबी अर्दली बाजार में नमाज के पहले तकरीर करते हुए मौलाना अजहरुल कादरी ने जकात पर बयान किया। मौलाना ने कहा कि अगर सही तरीके से सब मुसलमान जकात निकालने लगे तो दुनिया से मुसलमानों की ग़रीबी खत्म हो जाएगी। साढ़े सात तोला सोना व साढ़े बावन तोला चांदी, या उसके बराबर रकम या दुकान में सामान है तो उस शख्स को जकात देना वाजिब है। यहां तक की ईपीएफ, बैंक, फिक्स डिपॉजिट व बीमा पर भी जकात देना होगा।
इस्लाम में जुमे के दिन को छोटी ईद के तौर पर माना जाता है और रमजान के महीने में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन मस्जिदों में विशेष जुमे की नमाज अदा की जाती है और लोगों ने एक-दूसरे से मुसाफा कर जुमे की मुबारकबाद दी। मस्जिद लाटशाही में हाफ़िज़ हबीबुर्रहमान ने नमाज़ के पहले तकरीर कर रमज़ान की जहां फजीलत बयां किया वहीं नमाजे जुमा के बाद दुआ में उन्होंने रब से मुल्क में अमन मिल्लत और रोज़गार में तरक्की के साथ ही नमाजियों को पांचों वक्त का नमाज़ी बनाएं जाने की रब से दुआएं मांगी। ऐसे ही मस्जिद याकूब शहीद, मस्जिद अलकुरैश, शाही मुगलिया मस्जिद बादशाह बाग, शिया जामा मस्जिद दारानगर, मस्जिद लंगडे हाफिज, मस्जिद ज्ञानवापी, मस्जिद उल्फत बीबी, मस्जिद कम्मू खां, जामा मस्जिद नदेसर, मस्जिद दायम खां, मस्जिद हबीबीया गौरीगंज, मस्जिद नयी बस्ती, मस्जिद खाकी शाह बाबा, मस्जिद बुलाकी शहीद, मस्जिद बाबा फरीद, मस्जिद ढाई कंगूरा, मस्जिद अस्तबल शिवाला, मस्जिद जलालीपुरा, मस्जिद लाट सरैया, मस्जिद शक्कर तालाब, मस्जिद सुग्गा गडही आदि मस्जिदों में जुमे की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई।