सरफराज अहमद
वाराणसी। हज़रत मलंग शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह का दो दिनी उर्स आज पूरी अकीदत के साथ मनाया गया। हज़रत मलंग शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स की बाबा के जगजीवनपुरा (मदनपुरा) फूटी मसजिद के पास आस्ताने में धूम देखने को मिली। आलम यह था कि आस्ताने और आसपास के इलाके में पैर तक रखने की जगह नहीं थी। यूं तो उर्स का आगाज़ 17 जनवरी को रात 10 बजे बाबा हज़रत मलंग शाह की गुस्ल मज़ार शरीफ के साथ ही हो गया था। आज शनिवार को फजर की नमाज के बाद बाबा के दर पर कुरानख्वानी हुई जिसमें मौजूद जायरीन पाक कुरान की तेलावत (पाठ) करते दिखाई दिए। यह सिलसिला ज़ोहर की नमाज तक चला। असर की नमाज़ के बाद चादर गागर का जुलूस निकला। शाम में महफिल-ए-कव्वाली का सूफियाना कलाम हाजी अब्दुल वहीद (मोला दा) की अगुवाई में उनके दौलतखाने पर किया गया। बाद नमाज़ ए मगरिब चादरपोशी एवं कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। ऐसे ही नमाज़ ए इशा की नमाज के बाद महफिल ए मीलाद शरीफ और जलसे का आयोजन समाचार लिखे जाने तक जारी था। कारी मुहम्मद शायान की तिलावत-ए-कलाम पाक से शुरू हुए जलसे में वसीम अत्तारी ने बेहतरीन नात का नजराना पेश कर लोगों को देर रात तक बांधे रखा। इस मौके पर मौलाना शकील अहमद व मौलाना कारी आबिद ने औलिया-ए-कराम की जिंदगी और उनके करामात पर रौशनी डाली। जलसे की निजामत कारी जावेद रिज़वी कर रहे थे। उर्स कमेटी मलंग शाह के सचिव हाजी अब्दुल वहीद (मौला दा) आए हुए लोगों का खैरमकदम कर रहे थे।