
सब्जी बीजों के उत्पादन पर तकनीकी हस्तांतरण पर बीज उत्पादकों संग विमर्श
मुख्य उद्देश्य किसान के खेतों तक पहुँचे आईआईवीआर के सब्जी बीज एवं टेक्नोलॉजी
वाराणसी । भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में आज एग्री बिज़नेस इनक्यूबेटर (एबीआई) एवं जोनल तकनीकी प्रबंधन इकाई (जेडटीएमयू) के तत्वावधान में दलहनी सब्जियों पर तकनीकी प्रक्षेत्र दिवस – ‘लेग्युम डे’ का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सब्जी मटर, फ्रेंच बीन, सेम, पंखिया सेम, बाकला एवं वेलवेट बीन की नवीनतम किस्मों एवं तकनीकों का प्रदर्शन किया गया ।
इस अवसर पर 15 बीज कंपनियों एवं किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के 50 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और संस्थान द्वारा विकसित उन्नत किस्मों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. नागेन्द्र राय ने दलहनी सब्जियों के पोषण संबंधी महत्व पर प्रकाश डालते हुए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के मानकों और विपणन को लेकर विस्तृत चर्चा की। संस्थान ने विगत वर्षों में दलहनी सब्जियों की अनेक उन्नत किस्में जैसे सब्जी मटर में काशी पूर्वी, काशी तृप्ति, काशी नंदिनी, काशी उदय, काशी अगेती, काशी मुक्ति एवं काशी सम्ब्रिधी ; लोबिया की काशी विशान, काशी निधि, काशी कंचन, काशी उन्नति, काशी श्यामल एवं काशी गौरी; फ्रेंचबीन की काशी राजहंस, काशी संपन्न, काशी अग्रिम एवं काशी बैगनी; सेम की काशी खुसाल, काशी शीतल एवं काशी गौरी आदि प्रमुख प्रजातियाँ विकसित की गयी है | गत बर्ष संस्थान द्वारा पंखिया सेम की उच्च गुणवक्ता युक्त उत्तर प्रदेश राज्य की प्रथम प्रजाति काशी अन्नपूर्णा भी विकसित किया है जो किसानो के बीच प्रचलित हो रही है | हाल ही में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संस्थान द्वारा विकसित सेम की जलवायु अनुकूल प्रजाति काशी बौनी सेम-207 को देश को समर्पित किया है।
कार्यक्रम के संयोजक एवं परियोजना समन्वयक डॉ. राजेश कुमार ने निजी कंपनियों के साथ पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) को सुदृढ़ करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा विकसित उन्नत किस्मों को किसानों तक पहुंचाने के लिए PPP मॉडल को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कार्यक्रम के संचालक एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार दुबे ने संस्थान द्वारा विकसित दलहनी सब्जियों की उन्नत किस्मों एवं तकनीकों का विस्तार से वर्णन किया। डॉ. नीरज सिंह एवं डॉ. सुदर्शन मौर्या, प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, एबीआई-जेडटीएमयू, ने बीज कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान संस्थान द्वारा विकसित दलहनी सब्जी किस्मों के मूल्यांकन, लाइसेंसिंग एवं पंजीकरण प्रक्रिया पर चर्चा की।
इस अवसर पर कलश सीड्स, न्यू हॉलैंड सीड्स, रोहित हाइब्रिड सीड्स, ग्रो-काशी सीड्स, तुहुम बायोटेक सीड्स समेत अग्रिमित्रा, काशिराज, रुद्राक्षी एवं विन्धभूमि सहित विभिन्न बीज कंपनियों एवं एफपीओ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने संस्थान द्वारा विकसित उन्नत किस्मों के निर्यातक, वाणिज्यिक एवं रोग-कीट प्रतिरोधक विशेषताओं पर चर्चा की और इन किस्मों के अनुज्ञा एवं पंजीकरण के लिए अपनी सिफारिशें देने का आश्वासन दिया । इस अवसर पर टमाटर की किस्म काशी अमन का लाइसेंस हैदराबाद की कम्पनी हरलाल सीड्स को दिया गया |
संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ. अनंत बहादुर, डॉ. अरविंद नाथ सिंह, समेत डॉ. पी. एम. सिंह, डॉ. डी. आर. भारद्वाज, डॉ. एस. के. सिंह, डॉ. डी. पी. सिंह, डॉ. इंदीवर प्रसाद, डॉ. ज्योति देवी, डॉ. जयदीप हालदार सहित अन्य वैज्ञानिक एवं तकनीकी कर्मचारी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. राकेश कुमार दुबे ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ज्योति देवी, वैज्ञानिक द्वारा प्रस्तुत किया गया ।