मिर्जापुर : अहरौरा डैम से पानी रिसाव बंद न होने पर धरने पर डटे रहे भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता

तारा त्रिपाठी (मीरजापुर)।पूर्व घोषणा के अनुसार भारतीय किसान यूनियन आज दूसरे दिन भी अहरौरा डैम पर अपनी मांग को लेकर धरना पर डटे रहे। अनवरत चलने वाले इस धरना में भारी संख्या में किसान जुटे रहे। अपनी मांग को दुहराते हुए किसान यूनियन ने कहा कि जब तक अहरौरा बांध के.मेन सुलूस से पानी का रिसाव बन्द नहीं होता हम 72 घंटे के धरना के बाद स्टेट हाईवे को जाम करने को बाध्य होगे। यदि सिंचाई विभाग के अधिकारी चाहते हैं कि किसान आन्दोलित न हों तो उन्हे हर हाल में बांध के सुलूस से हो रहे पानी के रिसाव को हर हाल में बन्द ही कराना होगा। दूसरे दिन एक्सईएन हरिशंकर प्रसाद टेक्निकल टीम के मैनेजर आलोक सिंह व गोताखोर के साथ लिकेज स्थल पर पहुंचे और लिकेज के बन्द करने का हर प्रयास किये किन्तु सफलता नहीं मिली। किसानोः से बात करते हुए एक्सईएन ने कहा कि मैनें साथ में गोताखोर को भी इसलिए लाया कि पानी के अन्दर जाकर लिकेज के कारण का पता लगाया जा सके। मैं आज असफ़ल जरूर हुआ हूं किन्तु निराश नहीं हूं। आप लोग धरना समाप्त करें मैं अपने अगले प्रयास में जुट रहा हूं। एक्सईएन हरिशंकर प्रसाद के बातों से किसान संतुष्ट नहीं हुए और धरना आज भी चलता रहा। किसानों का कहना है कि हम लोग गर्मी के दिनों में ही विभाग को चेता दिये थे किन्तु विभाग ने अनदेखी किया। हमलोगों की तैयार फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो गई है। गेहूं की बुवाई नहीं हो पायेगी। इसका जिम्मेदार कौन है। लड़ाई अब आर पार की होगी। ज्ञातव्य हो कि लिकेज से 80से 90क्यूसेक पानी निकल रहा है और किसानों की फसल बर्बादी की कगार पर है। दूसरी तरफ एक्सईएन के द्वारा मरम्मत के लिए मांगे गये तीन-चार दिन के समय को भी किसानों ने अस्वीकार कर दिया और आज भी धरना जारी रखा। 72 घंटे बीतने के बाद किसानों के स्टेट हाईवे को भी जाम करना है जिससे सिंचाई विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा है। आज के धरना में अपना समर्थन देने के लिए क्षेत्र के पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह पटेल भी पहुंचे ।इनके अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह, प्रदेश महासचिव प्रह्लाद सिंह पटेल, गोपाल दास गुप्ता, अनिल सिंह, जिलाध्यक्ष कंचन सिंह फौजी, गुड्डू सिंह, स्वामी दयाल, मुकुटधारी सिंह, लालचन्द्र यादव, नन्दू प्रसाद, सहित सिंचाई विभाग के जेई ओमप्रकाश राय, आनन्द मौर्य, आनन्द बिन्द और सैकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित रहे।




