

छपरा (सारण)।अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन’ द्वारा सुप्रसिद्ध भोजपुरी साहित्यकार मनोज भावुक को भोजपुरी सिनेमा के इतिहास पर केंद्रित उनकी पुस्तक भोजपुरी सिनेमा के संसार के लिए चौधरी कन्हैया सिंह पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भोजपुरी की सबसे पुरानी, संवैधानिक, प्रतिष्ठित और विश्वसनीय अखिल भारतीय संस्था अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन’ ने उन्हें यह सम्मान अमनौर, छपरा, बिहार में आयोजित संस्था के 28वेंं अधिवेशन में प्रदान किया है। बिहार सरकार के पर्यटन एवं कला-संस्कृति मंत्री अरुण शंकर प्रसाद द्वारा प्रदान किया गया। इस तीन दिवसीय अधिवेशन में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पथ निर्माण नगर विकास मंत्री नितीन नवीन, सांसद मनोज तिवारी,फिल्म अभिनेत्री अक्षरा सिंह, कल्पना पटवारी, श्रम संसाघन मंत्री संजय सिंह टाइगर समेत देश-विदेश के लेखक, कवि, कलाकार, पत्रकार, एक्टिविस्ट व अनेक भोजपुरी स्कॉलर ने हिस्सा लिया। मैथिली- भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से प्रकाशित मनोज भावुक कृत भोजपुरी सिनेमा के संसार भोजपुरी सिनेमा के इतिहास पर भोजपुरी भाषा में लिखी गई पहली पुस्तक है। इस पुस्तक में वर्ष 1931 से लेकर अब तक के भोजपुरी सिनेमा के सफर का वर्णन है। अफ्रीका और इंग्लैंड में इंजीनियर रहे मनोज भावुक भोजपुरी सिनेमा और भोजपुरी साहित्य के बीच की एकमात्र मजबूत कड़ी हैं। मनोज भावुक सिर्फ भोजपुरी सिनेमा के इतिहासकार ही नहीं वरन भोजपुरी फिल्मों के प्रतिष्ठित गीतकार भी हैं। आज देश के सभी नामचीन गायक इनके लिखे गीत-गजलों को गा रहे हैं। ‘तोर बउरहवा रे माई’ से फिल्मी गीत लेखन में लोकप्रिय हुए मनोज भावुक की हाल ही में एक फ़िल्म आई है। आपन कहाये वाला के बा, इस फ़िल्म के सभी गीत मनोज भावुक ने लिखे हैं। जिन्हें तीन पीढियां एक साथ सुन-देख सकती हैं।




