मिर्जापुर:फिर बाढ़ की चपेट में आये मैदानी क्षेत्र

तारा त्रिपाठी
अहरौरा (मीरजापुर)।पिछले दिन प्रलयंकारी बरसात के चलते डोगिया और अहरौरा बांध का जलस्तर चेतावनी बिन्दु के पार जाने से उसके छ:से आठ फाटक खोलने पड़े। बांध के फाटक खुलने से उसके नीचे के मैदानी क्षेत्र एक बार फिर बाढ़ की चपेट में आ गया है। इसके पहले हुई बरसात ने इन क्षेत्रों में तबाही मचाई ही थी। फसल को भारी नुकसान हुआ था, किसान इस विभीषिका से सम्भल भी नहीं पाया था कि कल की प्रलयंकारी बरसात ने किसानों की बची-खुची आस भी टूट गई। अहरौरा बांध का पानी चेतावनी बिन्दु 360 के पार जाने और पानी फाटक के उपर बहने तथा खतरे को भांपते हुए उसके छ:से आठ फाटक खोल दिये गये जिससे उसके जद में आने वाले गांव मदारपुर, बीबी पोखर, हुसेनपुर, डूहीं, मनउर, ढेलवासपुर ,ओड़ी, भदावल और जमालपुर के कई गांव जलमग्न हो गये हैं। अब जब कि फसल तैयार होने को ही थी कि एक बार फिर भारी बारिश ने तवाही मचा दी। पशुओं को भी भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। अहरौरा से चकिया जाने वाले मार्ग में मदारपुर के नदी के ऊपर बने पुल पर से पानी बहने के कारण आवागमन बाधित हो गया है।किसान नेताओं का अहरौरा बांध पर जमावट हो गया है। वे एक तरफ बांध के फाटक बन्द करा कर बाढ़ प्रभावित गांव को सुरक्षित कराना चाहते हैं तो दूसरी तरफ बांध को भी टूटने से बचाने के लिए पशोपेश में हैं ।सिंचाई विभाग के जेई ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि बांध में पानी का आवक अभी भी बना हुआ है और मैं ऐसी दशा में बांध के फाटक को खोलने को मजबूर हूं। ज्यों ही जलस्तर नीचे जायेगा बांध के फाटक बन्द कर दिये जायेगे। किसान यूनियन मीरजापुर के प्रदेश महासचिव प्रह्लाद सिंह जेई ओमप्रकाश सिंह से बराबर सम्पर्क में हैं। समाज सेवी प्रमोद केशरी और वरिष्ठ पत्रकार आत्मा प्रसाद तिवारी ने बाढ़ और बांध के खतरे पर चिन्ता व्यक्त की है।




