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भदोही: अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले की तैयारी में जुटी सीईपीसी

66 देशों के 411 आयातकों ने कालीन मेले में आने के लिए किया ऑनलाइन रजिस्टर्ड: असलम महबूब

11 अक्टूबर को होगा भदोही में भव्य अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला, तैयारी अंतिम चरण में: रोहित गुप्ता

ब्यूरो चीफ आफताब अंसारी की रिपोर्ट….

भदोही। 49वां अंतर्राष्ट्रीय कालीन मेला आगामी 11 अक्टूबर को कार्पेट एक्सपो मार्ट भदोही में आयोजित होने जा रहा है जिसकी तैयारी सीईपीसी द्वारा अंतिम चरण में की जा रही है। कालीन उद्योग को संकट में अमेरिकी टैरिफ ने डाल रखा है जिसकी वजह से अधिकांश निर्यातक मेले में प्रतिभाग नही कर रहे हैं। हालांकि मेले को कामयाब बनाने के लिए सीईपीसी हर तरह से जीतोड़ मेहनत कर रही है अब यह मेला कितना सफल होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है। मेले को सफल बनाने के लिए सीईपीसी के प्रशासनिक सदस्यों ने दिन-रात मेहनत शुरू कर दी है। इस सम्बंध में सीईपीसी के प्रशासनिक सदस्य असलम महबूब ने बताया कि कालीन मेले में अब तक 66 देशों के 411 आयातकों ने  ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा ली है, वहीं मेले में प्रतिभाग करने के लिए 146 निर्यातकों ने स्टाल की बुकिंग करा ली है।

श्री अंसारी ने कहा अमेरिकन टैरिफ की वजह से निर्यातकों का मनोबल गिरा है ऐसे में भारत सरकार व राज्य सरकार बेलआउट पैकेज को तत्काल प्रभाव से जारी करे तभी कालीन उद्योग उबर पायेगा। कहा अमेरिका को 60 फीसदी भागीदारी का कोई देश विकल्प नही है इस लिए भारत सरकार अमेरिका सरकार से संवाद कर कालीन उद्योग के ऊपर आये संकट को बहाल करें।पीयूष बरनवाल ने कहा भदोही में 49वां अंतर्राष्ट्रीय कालीन मेला आगामी 11 अक्टूबर को शुरू होने जा रहा है। इसके लिए सीईपीसी ने लगभग पूरी तैयारी कर ली है। श्री बरनवाल ने कहा अमेरिकी टैरिफ ने कालीन उद्योग की कमर को झुका दी है ऐसे सरकार को चाहिए कि उद्योग को बचाने व गरीब बुनकरों व मजदूरों को सहारा देने के लिए आर्थिक सहायता दे ताकि उद्योग को संजीवनी मिल सके। इम्तियाज अंसारी ने कहा कालीन मेले की सफलता को लेकर सीईपीसी दिन-रात लगी हुई है। कहा मार्ट में एसी व जनरेटर का कार्य ठेकेदार को दिया गया गया जिसको अंतिम रूप दिया जा रहा है।

कहा विदेशी आयातकों को वाराणसी के होटल ताज व होटल हिल्टन में रुकने की व्यवस्था की गई है तथा उनके भदोही मार्ट तक आने-जाने के लिए 60 इनोवा गाड़ी की भी व्यवस्था की गई है। श्री अंसारी ने कहा अमेरिकन बाएरो का रजिस्ट्रेशन कम हुआ है लेकिन नए-नए राष्ट्र के बाएरो को आमंत्रित किया गया है जिनमे अधिकांश बाएरो के आने का कन्फर्म हो गया है।रोहित गुप्ता ने कहा कालीन मेले को लेकर तैयारी अंतिम चरण में चल रहा है। कहा मेले में तो अमेरिका के कस्टमर की संख्या कम रहेगी लेकिन नए-नए देशों के बाएरो ने आने की सहमति जताई है। श्री गुप्ता ने कहा अमेरिकन टैरिफ की वजह से कालीन उद्योग पर बुरा असर पड़ा लेकिन ऐसा भी नही है कि उद्योग सिर्फ अमेरिका पर ही डिपेंट है। कहा दुनिया के नए-नए देशों के कस्टमर से सम्पर्क कर काम शुरू किया गया है लेकिन उद्योग को गति देने में समय लगेगा। अभी फिलहाल अमेरिकन टैरिफ की वजह से माल होल्ड पर है अमेरिका से कोई काम नही हो रहा है, इसकी वजह टैरिफ है।

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