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उत्तर प्रदेशकृषिवाराणसी

वाराणसी:किसानों को मिली आधुनिक सब्जी उत्पादन की नई  जानकारी

आइआइवीआर परिसर में दूरदर्शन कृषि चौपाल का आयोजन

सुशील कुमार मिश्र / वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के परिसर में दूरदर्शन के प्रतिष्ठित कार्यक्रम “कृषि चौपाल” का अत्यंत सफल आयोजन किया गया। “सब्जी उत्पादन: अनुसंधान से किसान तक” विषय पर केंद्रित इस विशेष कार्यक्रम में वाराणसी, मिर्जापुर और सोनभद्र जिले के 200 से अधिक प्रगतिशील किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “यह कार्यक्रम किसानों और वैज्ञानिकों के बीच सीधे संवाद का एक अनूठा मंच है। हमारी नवीनतम अनुसंधान उपलब्धियों और तकनीकी नवाचारों को सरल भाषा में किसानों तक पहुंचाना ही हमारा मुख्य लक्ष्य है। इस कार्यक्रम के माध्यम से किसान भाई आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।”कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों ने अपनी विशेषज्ञता किसानों के साथ साझा की। सब्जी उन्नयन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नागेन्द्र राय ने नवीनतम किस्मों और जलवायु अनुकूल प्रजातियों पर जानकारी दी। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. डी.पी. सिंह ने जैव प्रौद्योगिकी, जीनोम एडिटिंग और माइक्रोबियल तकनीकों पर प्रकाश डाला। सब्जी उत्पादन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनंत बहादुर ने जलवायु परिवर्तन और प्रिसिजन फार्मिंग पर चर्चा की। डॉ. एस.के. सिंह ने जैविक खेती के फायदों को समझाया जबकि सब्जी सुरक्षा के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. के.के. पाण्डेय ने एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी। सब्जी प्रसार के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नीरज सिंह ने अनुसंधान से किसान तक तकनीक पहुंचाने की योजनाओं पर प्रकाश डाला। डॉ. राकेश कुमार दुबे ने पूर्वोत्तर भारत की सब्जी समस्याओं और अल्पदोहित सब्जियों पर चर्चा की। पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. स्वाति शर्मा ने तुड़ाई उपरांत प्रबंधन और मूल्य संवर्धन की तकनीकों पर विस्तार से बताया।दूरदर्शन के अनुभवी प्रोड्यूसर श्री राजीव दुबे ने कार्यक्रम का अत्यंत कुशल समन्वय किया और तकनीकी पहलुओं को सुचारू रूप से प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुश्री अंजू सिंह ने अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति और गहरी समझ के साथ जटिल वैज्ञानिक विषयों को किसानों के लिए सुगम बनाया। कार्यक्रम के दौरान किसानों ने फसल उत्पादन, बीज तकनीक, मिट्टी प्रबंधन, कीट-रोग नियंत्रण और बाजार से जुड़े अनेक व्यावहारिक प्रश्न पूछे। वैज्ञानिकों ने किसानों की समसामयिक कृषि समस्याओं का तत्काल समाधान प्रदान किया और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए उपयोगी सुझाव दिए।यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम शनिवार, 9 अगस्त 2025 को दोपहर 2:00 बजे दूरदर्शन पर प्रसारित होगा।

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