प्रेम मंदिर और कीर्ति मंदिर में 14 हजार महात्माओं व निराश्रित विधवा माताओं को मिली सहायता सामग्री
अशोक मिश्रा
मथुरा /वृंदावन । जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा ब्रज क्षेत्र के सत्पुरुषों और विधवा माताओं को सहायता सामग्री वितरित की गयी। विशाल वितरण के इस आयोजन के अंतर्गत कुल 14,000 जरूरतमंदों को ठंड से बचने और दैनिक जीवन में उपयोगी सामग्री प्रदान की गई। यह आयोजन श्री वृन्दावन धाम स्थित प्रेम मंदिर और बरसाना स्थित कीर्ति मंदिर में किये गए।
प्रेम मंदिर, वृन्दावन में 9,000 जरूरतमंदों को दी गयी सहायता
श्री वृन्दावन धाम स्थित प्रेम मंदिर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में 5,000 गरीब सत्पुरुषों और 4,000 निराश्रित विधवा माताओं को राहत सामग्री दी गई। जयघोष के बीच संपन्न हुए इस आयोजन में लाभार्थियों ने जगद्गुरु कृपालु परिषत् की सेवा भावना को सराहा और कृतज्ञता व्यक्त की। सत्पुरुषों को पैकिंग बैग, स्लिंग बैग, दो जोड़ी धोती-कुर्ता, पटका, बेडशीट, तौलिया, जैकेट, शॉल, चटाई, डोलू, लोटा और साबुन जैसे उपयोगी सामान दिए गए।
निराश्रित विधवा माताओं को कपड़ों के दो सेट, शॉल, कोटी, तौलिया, बेडशीट, डोलू, टब, टॉर्च और साबुन प्रदान किए गए। यह वितरण समारोह हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के ठीक बाद आयोजित किया जाता है, ताकि ब्रजवासियों को ठंड के प्रकोप से बचाया जा सके और साथ ही साथ दैनिक उपयोग की सामग्री भी प्रदान की जा सके।
कीर्ति मंदिर, बरसाना में 5,000 जरूरतमंदों को दी गयी सामग्री
बरसाना स्थित कीर्ति मंदिर में 3,000 गरीब सत्पुरुषों और 2,000 निराश्रित विधवा माताओं को दैनिक जीवन में उपयोगी सामग्री प्रदान की गई। इन आयोजनों की विशेषता यह थी कि जगद्गुरु कृपालु परिषत् की तीनों अध्यक्ष्याओं- सुश्री डॉ. विशाखा त्रिपाठी जी, सुश्री डॉ. श्यामा त्रिपाठी जी और सुश्री डॉ. कृष्णा त्रिपाठी जी ने स्वयं लाभार्थियों को सामग्री वितरित की। उपस्थित लाभार्थियों ने परिषत् के सेवा कार्यों की प्रशंसा करते हुए जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज और उनकी तीनों सुपुत्रियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
प्रेम मंदिर और कीर्ति मंदिर के इन आयोजनों ने लाभार्थियों के दिलों में विशेष स्थान बनाया है। एक विधवा माता, पुष्पलता देवी ने कहा, “हम पिछले 10 वर्षों से प्रेम मंदिर आ रहे हैं। यहाँ से मिले सामान को लेकर ऐसा महसूस होता है कि दुनिया में कोई हमारी परवाह करता है। कृपालु महाराज और तीनों दीदियों पर राधा रानी की कृपा बनी रहे।”
सत्पुरुषों ने भी अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन ठंड और अभाव में उनके लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होते हैं।
जगद्गुरु कृपालु परिषत् की अध्यक्षाओं ने अपने पूज्य पिताश्री, जगद्गुरु कृपालु महाराज, को श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. विशाखा त्रिपाठी जी ने अपने जगद्गुरु पिता श्री कृपालु जी महाराज के चरणों में कोटि प्रणाम करते हुए उनका आभार व्यक्त किया कि किस प्रकार उन्होंने ब्रजवासियों के सेवार्थ अनेक प्रकार की जन-कल्याणकारी योजनाएँ प्रारम्भ की और आज हम उन्हीं योजनाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि यह कार्यक्रम भविष्य में भी इसी प्रकार जारी रहेंगे। समस्त ब्रजवासी हमारे लिए अत्यधिक पूजनीय हैं।
डॉ. श्यामा त्रिपाठी जी और डॉ. कृष्णा त्रिपाठी जी ने भी इस अवसर पर उपस्थित होकर सेवा भावना को प्रकट किया और बताया कि जगद्गुरु श्री ने सदा कहा कि हर जीव में श्री कृष्ण का वास होता है। यह सब श्री कृष्ण की कृपा से ही हो रहा है।
जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा यह सेवा परंपरा जगद्गुरु कृपालु महाराज की प्रेरणा से आरंभ की गई थी। हर वर्ष हजारों गरीब सत्पुरुषों, विधवा माताओं, स्कूली बच्चों, श्रमिकों और अन्य अभावग्रस्त वर्गों को इन आयोजनों के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है। जगद्गुरु कृपालु परिषत् का यह आयोजन न केवल ब्रजवासियों को सहायता प्रदान करता है, बल्कि समाज को दूसरों की मदद करने की प्रेरणा भी देता है। प्रेम मंदिर और कीर्ति मंदिर में आयोजित यह कार्यक्रम जगद्गुरु कृपालु महाराज की शिक्षाओं और सेवा की परंपरा को सजीव बनाते हुए मानवता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं।