धर्म

जागरूक जनता ट्रस्ट के होली मिलन समारोह में हुआ नागरिक अभिनन्दन

एफ. फारुकी बाबू

वाराणसी। आज संकट मोचन समाचार पत्र व जागरूक जनता ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में मैदागिन स्थित पराड़कर भवन में होली मिलन व नागरिक अभिनन्दन कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां जम कर अबीर गुलाल व गुलाब की पंखुड़ियां उड़ाया गया, कार्यक्रम की शुरुवात गणेश वंदना व शिव ध्यान स्तुति से किया गया। वक्ताओं ने होली को परिभाषित करते हुए कहा कि अनादिकाल से होली भाईचारे का संदेश देते आई है और ये काशी में विशेष हो जाती है क्योंकि शिव यहां साक्षात विराजते हैं और होली ही नहीं वरन जीवन के सारे रंग महादेव आम जन मानस पर बरसाते हैं, नागरिक अभिनन्दन सम्मान ग्रहण करने वालों में प्रमुख रूप से पत्रकार देवेन्द्र श्रीवास्तव, डॉक्टर नारायण सिंह,मनोज कुमार केशरी , सुमित कुमार शर्मा व दिनेश कुमार शर्मा थे इसके अतिरिक्त वहां उपस्थित जनो का भी सद्भावना पूर्ण सम्मान किया गया जिसके प्रमुख रूप से दशरथ सिंह, प्रदीप कुमार सिंह,मनोज कुमार वर्मा, पत्रकार मनीष श्रीवास्तव पत्रकार संजय सिंह,।पंडित राजेश शर्मा,पंडित शिवम् शर्मा,अंकित कुमार अग्रवाल संतोष कुमार वर्मा,गोपाल उपाध्याय,चंद्रशेखर बाजपेई, ममता मिश्रा, मीना पांडेय कवियत्री सुषमा सिन्हा, डॉ, उदयशंकर भगत अरविंद कुमार पाण्डेय रितेश कुमार सिंह,जयराजबहादुर सिंह आदि शामिल रहे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बृहस्पति देव मंदिर के महंत अजय गिरी व विशिष्ट अतिथि किशन कुमार जायसवाल व दशरथ सिंह थे। कार्यक्रम का संचालन देवेन्द्र श्रीवास्तव व अध्यक्षता संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश सिंह ने किया अंत में धन्यवाद ज्ञापन लकी वर्मा ने दिया।

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मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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