वाराणसी। शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज़रत इमाम जैनुल आबेदीन की १४०८ वी जयंती देश और दुनिया के साथ ही अपने शहर बनारस में भी शिया समुदाय ने खुशियों के माहौल में इमाम का जश्न ए विलायत मनाया। महफिलों का सिलसिला सुबह की नमाज के बाद शुरू हो गया। मस्जिद कायम भेलूपुर में पहली महफिल का आयोजन हुआ। शाम को सदर इमामबाड़ा लाट सरैया में खुशियों के चिराग रौशन हुए।
इस अवसर पर तकरीर करते हुए शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने कहा कि इमाम जैनुल आबेदीन ने सारी दुनिया को दुआ मांगने का सलीका सिखाया और सब्र से हर जंग जीतने का तरीका बताया। रसूल के चौथे जानशीन ने अपने दादा हजरत अली, अपने पिता इमाम हुसैन के पैगाम को सारी दुनिया तक पहुंचाया और सबको सही तरीके से जिंदगी गुजरने का सलीका सिखाया।
इमाम जैनुल आबेदीन का जन्म १४०८ साल पहले १५ जमादी उल अव्वल ३८ हिजरी को मदीने में हुआ था। शिया बहुल इलाको की २८ अंजुमनों ने रामनगर , बजरडीहा, मदनपुरा, दालमंडी, नयी सड़क, लल्लापुरा, शिवपुर, अर्दली बाजार, नकखी घाट, दोषीपुरा, कच्चीबाग, राजपुरा, पठानीटोला, मुकीमगंज, प्रहलाद घाट, पड़ाव, दुल्हाईपुर, आदि क्षेत्रों में शिया हजरात ने महफिल सजाई और इमाम की जयंती का जश्न मनाया। इस अवसर पर कलाम पेश करने वालों में रेहान बनारसी, अतश बनारसी, अंसार बनारसी, वफ़ा बुतराबी, रोशन बनारसी आदि शामिल रहे। तकरीर करने वाले उलमा में मौलाना ज़मीरुल हसन, मौलाना अकील हुसैनी, हैदर अब्बास, तौसीफ अली, अज़ादार हुसैन, गुलज़ार मौलाई आदि लोग शामिल रहे।