एजुकेशन

वसंत कन्या महाविद्यालय के इतिहास विभाग में सात दिवसीय कार्यशाला शुरू

प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने आर्थिक इतिहास की महत्ता पर डाला प्रकाश

वाराणसी। वसन्त कन्या महाविद्यालय, कमच्छा, वाराणसी में 11 से 19 फरवरी तक इतिहास विभाग द्वारा सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन प्रारंभ किया गया। कार्यशाला वसन्त महिला महाविद्यालय, राजघाट, आर्य महिला पी जी कॉलेज एवं डी ए वी पी जी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही है। कार्यशाला के उद्घाटन पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने इतिहास से जुड़े सभी आयामों को बताया। उन्होंने विशेषकर आर्थिक इतिहास की महत्ता को सभी के सम्मुख प्रस्तुत किया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. श्रेया पाठक, सहायक आचार्य, इतिहास विभाग, वसंत महिला महाविद्यालय द्वारा ‘ऐतिहासिक स्रोतों’ पर एक गूढ़ व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। आगामी सत्र में कार्यशाला में शोध विधियों के सभी बिंदुओं जैसे अनुसंधान पद्धतियों, तथ्यों की पहचान, गुणात्मक एवं मात्रात्मक विधियों, मानचित्रण, विश्लेषणात्मक एवं संश्लेषनणात्मक संचालन और संसाधन के नए स्रोतों पर चर्चा की जाएगी।

कार्यशाला में डॉ. शशिकांत यादव, डॉ. कविता मिश्रा, डॉ. कल्पना आनंद , डॉ .आरती चौधरी,डॉ .सिमरन सेठ,डॉ. आरती कुमारी अपने व्याख्यानों को छात्र – छात्राओं के समक्ष प्रस्तुत करेंगी। कार्यक्रम का संयोजन प्रो .पूनम पांडेय द्वारा किया गया। कार्यशाला में प्रो. विनोद चौधरी, डॉ. शशिकेश कुमार गोंड, डॉ अनुजा त्रिपाठी, रणनीति राय आदि प्राध्यापकों सहित डी ए वी पी जी कालेज, बसन्त महिला महाविद्यालय, वसंत कन्या महाविद्यालय, आर्य महिला पी जी कॉलेज एवं इतिहास विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुल 80 शोध छात्र -छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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