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वसंत कन्या महाविद्यालय के एनएसएस शिविर में हुए अनेक आयोजन

वाराणसी। राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एक ऐसी योजना है, जो युवाओं को समाज सेवा के लिए प्रेरित करती है। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से, स्वयंसेवकों को समाज की वास्तविक समस्याओं के बारे में जानकारी मिलती है और वे इन समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रेरित होते हैं।

इन्ही उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए वसन्त कन्या महाविद्यालय की पंचम इकाई द्वारा प्राथमिक विद्यालय मानिकपुर में सात दिवसीय शिविर का आयोजन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. वर्षा सिंह के नेतृत्व में किया गया। जिसमें ५० स्वयंसेविकाएँ सम्मिलित हुई। डॉ. शशिकेश कुमार गोंड ने एनएसएस के उद्देश्य पर मार्गदर्शन दिया। नीरज श्रीवास्तव ने “ युवाओ में स्वरोजगार विकास “ पीकेआर सत्र लिया। अगले दिन योगाचार्य आनंद कर्ण जी ने जीवन पर योग एवम् प्राणायाम का प्रभाव विषय पर सप्रयोग व्याख्यान दिया। अस्मिता संस्था के सौजन्य से लैंगिक असमानता पर कार्यशाला आयोजित की गई। धीरज प्रसाद एवम् ओम परसाद चौरसिया द्वारा आत्मरक्षा की तकनीक सिखाई गई। प्राथमिक कक्षाओ में बच्चों को संतुलित आहार एवं पोषण का महत्व बताया गया। इन सात दिनों में पर्तवरण जागरूकता पर रैली और पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई।

लाल पाथ लैब के सहयोग से स्वास्थ्य परीक्षण ( Hb, Ca, रक्त दाब और वजन ) हुआ। साइबर सुरक्षा और वित्तीय जागरूकता पर भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। द क्लाइमेट अजेंडा की एकता सिंह ने पर्यावरण जागरूकता के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। सात दिन के शिविर में, स्वयंसेवकों को विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिला।स्वयं सेविकायो को यह एहसास हुआ कि वे समाज के एक महत्वपूर्ण अंग हैं और उन्हें समाज की सेवा करने के लिए तत्पर रहना चाहिए।

साथ ही इस सात दिवसीय शिविर का उस समुदाय पर भी गहरा असर होता है जिसमे स्वयं सेविकाए विभिन्न मुद्दों पर कार्य करती है। प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सरिता राय ने इस बात को रेखांकित करते हुए बताया कि ऐसे कार्यक्रम समाज में एक रूपता लाते है और विभिन्न समाजिक मुद्दों पर समुदाय की समझ को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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