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वाराणसीस्वास्थ्य

वाराणसी में मोबाइल मेडिकल यूनिट (MMU) के लाभ

सुशील कुमार मिश्र/वाराणसी।उत्तर प्रदेश में द हंस फाउंडेशन के सहयोग से और VATPL वाराणसी औरंगाबाद टोल प्राइवेट लिमिटेड (VAH) द्वारा संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (MMUs) ने स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा बदलाव लाया है। अक्टूबर 2022 में इनकी शुरुआत हुई थी और 3 अक्टूबर 2024 को एक और यूनिट इसमें जोड़ी गई। ये यूनिट्स 5 ब्लॉकों (काशी विद्यापीठ, अराजीलाइन, बड़ागाँव, चिरईगाँव, पिंडरा) के 110 गाँवों, 63,646 घरों और 4,44,000 लोगों को अपनी सेवाएँ दे रही हैं।
इससे कई बड़े फायदे हुए हैं, जैसे पारिवारिक चिकित्सा खर्च में कमी आई है। औसतन मासिक खर्च ₹4,545 से घटकर ₹1,899 (58% की कमी) हो गया है।
स्थायी स्वास्थ्य केंद्रों की तुलना में MMUs को स्थापित करने में कम खर्च आता है।
गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के लोगों के लिए Angel इलाज से बचाव हो रहा है, सरकारी योजनाओं का लाभ दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचाया जा रहा है। पहले चरण (Phase I) में 1,39,814 मरीजों का इलाज हुआ, 45,692 लैब टेस्ट किए गए, 798 घरों का दौरा किया गया, और 1,338 मरीजों को आगे इलाज के लिए भेजा गया।MMUs क्लीनिक की तरह काम करती हैं और चार मुख्य स्तंभों पर आधारित हैं: जागरूकता, जाँच, इलाज और रेफरल (आगे भेजना)। इसमें मेडिकल अधिकारी, नर्स, टेक्नीशियन और 108 स्वयंसेवक काम करते हैं। वे डेटा के लिए डिजिटल टूल और CommCare का इस्तेमाल करते हैं। हंस स्वास्थ्य सखी समुदाय के साथ जुड़कर काम करती हैं। हर MMU एक महीने में 22 दिन काम करती है।

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