अगस्त क्रांति 1942 का बीडीएस पब्लिक स्कूल रेवतीपुर के बच्चों द्वारा हुई नाट्य प्रस्तुति

त्रिलोकी नाथ राय
गाज़ीपुर।शहर स्थित शहनाई पैलेस मे रेवतीपुर के बीडी एस स्कूल के बच्चों द्वारा अगस्त क्रांति 1942 के इतिहास मे गाज़ीपुर जनपद के योगदान को प्रदर्शित करते हुए एक भब्य नाट्य मंचन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ भाजपा नेता सच्चिदानंद राय द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। नाट्य मंचन की शुरआत अगस्त क्रांति आंदोलन से हुई।जिसमे गाज़ीपुर घाट, नंदगंज, दिलदारनगर इत्यादि रेलवे स्टेशन को फूँकने की घटना का जीवन्त चित्रण किया गया।पूरे गाज़ीपुर जनपद मे क्रांतिकारी दस्तों के द्वारा जगह जगह तत्कालीन अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए यूनियन जैक के झंडो को उखाड़कर आजादी के झंडो को लगाने का बहुत सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया गया।
इसी क्रम मे क्रांतिकारी यमुना गिरि द्वारा गाज़ीपुर घाट स्टेशन और गौसपुर हवाई अड्डे को फूँकने की घटना एवं यमुना गिरि को गोली लगने की घटना प्रदर्शित किया गया।यमुना गिरि को गोली लगने के बाद शेरपुर के नौजवानो मे हुकूमत के खिलाफ उबाल, और शिवपूजन राय के नेतृत्व मे हजारों की संख्या मे मुहम्मदाबाद स्थित पोस्ट ऑफिस, तहसील इत्यादि पर तिरंगा झंडा फहराने के लिए शेरपुर मे योजनाबद्ध तरीके से हुए मीटिंग की जीवन्त प्रस्तुति हुई। इसके बाद मुहम्मदाबाद तहसील पर शिवपूजन राय के नेतृत्व मे तिरंगा फहराने और शेरपुर के अष्ट शहीदों के बलिदान को प्रस्तुत करते हुए इतना जीवन्त मंचन किया कि लोगों के रोंगटे खड़े हो गये।अष्ट शहीद अमर रहे,भारत माता की जय के नारों से पूरा हाल गूंज उठा।शहीदो के सम्मान मे हाल मे उपस्थित लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाते हुए नमन किया।कार्यक्रम के संयोजक बिपिन राय ने कहा कि अपने गाज़ीपुर के इतिहास को प्रस्तुत करना आने वाले पीढ़ियों के लिए अपने इतिहास और संस्कार को जीवन्त रखने की दिशा मे प्रयास है। आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रम हमेशा होते रहेंगे।प्रस्तुति देने वाले कलाकारों एवं इस नाट्य प्रस्तुति के निर्देशक आशीष त्रिवेदी को आये हुए अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।इसके बाद सामूहिक रूप से खड़े होकर राष्ट्रगान कर के कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन अमरनाथ तिवारी एवं बिपिन राय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।कार्यक्रम मे मुख्य रूप से सच्चिदानंद राय, भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय, कृष्ण बिहारी राय, डॉक्टर ब्यासमुनि राय, प्रो. रामबदन राय, सुनील सिंह, चौधरी दिनेश चंद्र राय डॉक्टर, सानंद सिंह, प्रो.अभय राय,शशांक शेखर राय, मिथिलेश राय, विद्यासागर गिरि, सुरेंद्र नाथ राय इत्यादि हजारों लोग सम्मिलित रहे।




