आगरा: ढाय गिरने से तीन महिला समेत चार की माैत

आकाश वर्मा
आगरा। राजस्थान बॉर्डर से पीली मिट्टी भरने गए आगरा के एक ही परिवार के चार लोगों पर उस वक्त मौत टूट पड़ी, जब चंबल नहर परियोजना की पाइपलाइन के लिए की गई खुदाई में 10 फीट गहरे गड्ढे में मिट्टी की ढाय इन लोगों पर गिर पड़ी। हादसे में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी मृतक उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के गांव उत्तू निवासी थे। यहां गड्ढे में से मिट्टी लेने गए दर्जनभर महिला-पुरुष ढाय गिरने से दब गए। घटना आगरा के फतेहपुर सीकरी-भरतपुर जिले के थाना गहनौली क्षेत्र के गांव जंगी के नगला के पास रविवार सुबह उस समय हुई जब चंबल नदी से डीग तक नहर परियोजना के लिए की गई दस फीट गहरी खुदाई में लोग चोरी-छिपे पीली मिट्टी भरने के लिए उत्तू गांव के कई लोग गये हुए थे। इनमें से दर्जनभर लोग दस फीट गहरे गड्ढे में उतरकर पीली मिट्टी भर ही रहे थे कि अचानक मिट्टी की टनों वजनी ढाय इन सबके ऊपर आ गिरी, जिसमें ये सभी दब गये।
यह हादसा होने के बाद किसी तरह पुलिस तक सूचना पहुंची। पुलिस और ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर छह लोगों को बाहर निकाला, जिनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। एक महिला ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। शेष घायलों का भरतपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना की सूचना मिलने के बाद भरतपुर प्रशासन और पुलिस के अलावा यूपी के फतेहपुर सीकरी से एसडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई थी। मृतकों की पहचान अनुकूल (22), योगेश कुमारी (25), विनोद देवी (55) और विमला देवी (45) के रूप में की गई है। लोगों का कहना है कि जब तक राहत और बचाव कार्य शुरू हुए, तब तक मिट्टी के अंदर दबे चार लोगों की सांसें टूट चुकी थीं। इस हादसे के बाद गांव में कोहराम मचा हुआ है। भरतपुर प्रशासन ने घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मौके की जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि चंबल परियोजना क्षेत्र में बिना अनुमति मिट्टी खनन प्रतिबंधित है, बावजूद इसके आसपास के ग्रामीणों द्वारा अवैध रूप से मिट्टी की खुदाई की जाती है। बता दें कि पीली मिट्टी गोबर से लेपन के कार्य में उपयोग में लाई जाती है।




