इसराइल गए युवाओं के परिजनों ने बताया,मौत के साए में काम करने पर है मजबूर….

जान बचाने के लिए अलार्म बजते ही भवनों के नीचे बने बंकरों की ओर है भागते
लखनऊ।ईरान और इजरायल की जंग के बीच रोजगार के लिए इजरायल गए अंबेडकरनगर के युवा मौत के साए में काम करने और रात गुजारने को मजबूर हैं। मुश्किल भरे हालातों में भी परिवार की गुजर बसर के लिए डटे हैं । तो कुछ चाहकर भी वापस नहीं लौट पा रहे। दिन या रात कभी भी बमबारी शुरू हो जाती है। कामगारों को भवनों के नीचे बने बंकरों में अलार्म बजते जान बचाने के लिए शरण लेनी पड़ती है।अंबेडकरनगर के अकबरपुर गांव रोशनगढ़ के देवानंद इस समय इजरायल के तेल अलीव शहर के यहूदा में मौजूद हैं। दो से ढाई किलोमीटर की दूरी पर काम करने के लिए जाना पड़ता है।देवानंद परिजनों से बताया कि आज एक घंटे पहले मिसाइल से हमला हुआ। ऊपर मंजिल में काम करने के दौरान अक्सर मिसाइलों के गोले आसपास फटते हैं। ऐसे में सायरन बजते ही सभी लोगों सुरक्षित स्थान पर पहुंचना पड़ता है। तमाम मुश्किलों के बावजूद रोजी रोटी की खातिर यहीं रुके हैं। वहाँ के जंग ने लखनऊ में बहुत से परिवारों की चिंता बढ़ा दी है।इन परिवारों के युवा इजरायल में काम कर रहे हैं। परिजनों की बात माने तो वह चाहते है कि जल्द से जल्द घर वापस आ जाएं।वहाँ उड़ानें बंद होने की वजह से ये वहां फंसे हुए हैं।लखनऊ बीकेटी के रहने वाले अजय चौहान ने बताया कि भाई हरित चौहान बीते एक साल से इजरायल गए हैं।पर अब घर आना चाहते हैं। अभी फ्लाइट का कोई विकल्प नहीं है। रायबरेली के राजेश कुमार भी इजरायल में काम करते हैं। राजेश की मां सावित्री ने बताया कि घर में छोटे-छोटे बच्चे व अन्य सदस्य हैं। काम से भी ज्यादा जरूरी है जीवन। बेटे से जब बात होती है तो वो सब कुछ ठीक और सुरक्षित होने की बात बता देता है। इसके बावजूद चिंता बनी रहती है।हर कोई बस यही उम्मीद लगाए हुए है कि जल्द ही हालात पहले की तरह सामान्य हों और उनकी रोजी रोटी पर मंडरा रहा खतरा टल जाए ताकि वे अपने परिवार को बेहतर जीवन दे सकें। इन सबके बीच यहां मौजूद परिवार के लोग अपनों के लिए चिंतित हैं।सेवायोजन विभाग का कहना है कि इजरायल में पांच हजार से अधिक भारतीय श्रमिक सेवा दे रहे हैं। इतनी ही संख्या में भविष्य में और भेजने की तैयारी है।अधिकारियों ने बताया कि ईरान और इजरायल के बीच हो रहे हमले की वजह से भारतीय श्रमिकों पर किसी तरह का खतरा नहीं है। सभी सुरक्षित हैं,भारत सरकार हालात पर नजर रखे हुए है।स्थिति बिगड़ी तो श्रमिकों को वापस बुला लिया जाएगा।




