मऊ: अपनों को ढूंढती निगाहें…..

पुत्र व बहु ने घर से निकाला, मन्दिर बना ठिकाना, पुलिस प्रशासन ने भी नहीं ली सुधि
कोपागंज/ मऊ। कलयुग में मंदिर मन्दिर पत्थर में भगवान तलाशते युवाओं को क्या हो गया हैं ? वें पत्थर में तो भगवान को तलाशते हैं पर जीते जी इंसान में नारायण को क्यों नहीं देख पाते हैं? कुछ ऐसा ही मामला *कोपागंज थाना क्षेत्र के भेला बांध से देखने मिल रहा है जहाँ एक कलयुगी बहु बेटे ने अपनी बूढ़ी माँ को घर से निकाल दिया है*। बूढ़ी मां कोपागंज नगर स्थित अति प्राचीन *गौरीशंकर मन्दिर पर लावारिश हाल में अपनो के आने का* इंतजार कर रही हैं कि शायद वें आ कर उसको अपना लें। बताया जा रहा हैं कि कोपागंज ब्लॉक के भेलाबांध गांव निवासी धनेशरी देवी उम्र 70 वर्ष को उसके एकलौते पुत्र अंबिका व उसकी बहु ने मार पीट कर घर से निकाल दिया है। अपने औलाद से प्रताड़ित बूढ़ी धनेशरी ने मन्दिर को अपना ठिकाना बनाया है ।
जहाँ विगत पांच दिनों से इस इंतजार में बैठी हुई हैं कि कोई तो आ कर उसकों अपने घर ले जाए। बात करते – करते धनेशरी की आँखो से आंसू छलक पड़ते हैं। धनेश्वरी कहती हैं कि मेरे तीन – तीन नाती हैं उनका मोह सता रहा है कि कब उनको देख लूं पर बहु के डर से बेटा व नाती उसके पास आने से डरते हैं। धनेशरी ने घर से निकाले जाने की शिकायत कोपागंज पुलिस* से की थी पर महिला पुलिस कर्मियों ने उसे झूठा आश्वासन दे कर लौटा दिया। बूढ़ी महिला ने जिला पंचायत सदस्य जीतेन्द्र गोयल पर आरोप लगाते हुए कहां कि उसके ही मना करने से पुलिस हस्तक्षेप नहीं कर रही। शिव मन्दिर कोपागंज के पुजारी चन्द्र मौली द्वारा उक्त महिला को खाने पीने का जुगाड़ कर दिया जा रहा हैं। लोगों की राय में इस असहाय बूढ़ी महिला को पुलिस प्रशासन द्वारा पहल करते हुए उसके परिवार से मिलवाने की पहल करनी चाहिए।
“मां के संबंध में शायर मुनौयर राना ने सच ही लिखा है,
ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता !
मैं जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सज्दे में रहती है”
रिपोर्ट- सतीश कुमार पांडेय




