विंध्याचल: नव वर्ष पर भीड़ को देखते हुए, धाम में मां के चरण स्पर्श पर रोक,सुरक्षा के तगड़े इंतजाम

बिन्ध्याचल। आदिशक्ति माता विंध्यवासिनी के धाम में नव वर्ष पर आने वाले भक्तों को माता के चरण स्पर्श का मौका नहीं मिलेगा। भक्त दूर से ही दर्शन पूजन कर सकेंगे। यह प्रतिबन्ध 31 और 1 जनवरी को लागू रहेगा। धाम से प्रतिदिन सुबह माँ के चरण स्पर्श 5बजे भोर से8बजे दिन तक चरण स्पर्स होता है मंगलवार व पूर्णिमा को मां का चरण स्पर्श नही होता।विशेष पर्वो और भीड़ के उमड़ने पर इस व्यवस्था पर रोक लगा दिया जाता हैं। यह जानकारी श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने दी। उन्होंने बताया कि माँ के धाम में आने वाले सभी भक्तों को माँ की ममतामयी छवि का दर्शन मिल सकें। इसलिए चरण स्पर्श पर प्रतिबंध लगाया जाता रहा है।
पौष मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मंगलवार के दिन 31 दिसंबर पड़ेगा । माता के धाम में मंगलवारी करने वालों के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से भारी संख्या में भक्त पहुंचेंगे। जबकि 1 जनवरी बुधवार को द्वितीया तिथि पर नववर्ष का आगमन होगा । नये साल में परिवार की खुशहाली की कामना के साथ लक्ष्मी स्वरूपा माता विंध्याचल देवी के मंदिर में भारी संख्या में भीड़ होगी। इसको देखते हुए पंडा समाज के सदस्यों की भी डियूटी धाम में लगाया गया है।
धाम के त्रिकोण पथ पर काली खोह में विराजमान महाकाली एवं विंध्य पर्वत पर आसीन सरस्वती स्वरूपा माता अष्टभुजा मन्दिर पर भी भक्तों की सुविधा और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था किया गया है।
श्रीविंध्य पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक ने बताया कि माता के धाम में रात्रि शयन आरती के बाद प्रतिदिन की तरह कपाट बंद कर दिया जाएगा। दूसरे दिन मंगला आरती के साथ ही मंदिर खोला जाएगा । नव वर्ष पर समाज की ओर से विशेष प्रसाद वितरण का व्यवस्था किया गया है ।