मिर्जापुर : संघर्ष समिति का ऐलान,निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त होने तक जारी रहेगा संघर्ष

— निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने शक्ति भवन घेरा
– ट्रांजैक्शन कन्सल्टेंट नियुक्त करने की टेक्निकल बिड नहीं खोली जा सकी
भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील
संवाददाता (तारा त्रिपाठी) मिर्जापुर। संघर्ष समिति के आह्वान पर सोमवार को हजारों बिजली कर्मचारियों ने शक्ति भवन मुख्यालय का घेराव कर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। बिजली कर्मियों के विरोध प्रदर्शन के चलते निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कन्सल्टेंट नियुक्त करने की टेक्निकल बिड नहीं खोली जा सकी। शक्तिभवन पर हुए विरोध प्रदर्शन में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित,सुहैल आबिद, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो इलियास, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, विशम्भर सिंह एवं राम निवास त्यागी ने सम्बोधित किया। शक्तिभवन पर हुए विरोध प्रदर्शन में राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, उप्र के अध्यक्ष इं अजय कुमार, पूर्व अध्यक्ष इं जी वी पटेल और बड़ी संख्या में जूनियर इंजीनियर सम्मिलित हुए। विरोध सभा में विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा और पॉवर ऑफिसर्स एसोसियेशन के सदस्य काफी संख्या में सम्मिलित हुए।
विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के अध्यक्ष दिव्यांशु सिंह और एकता संघ के लोग भी सभा में काफी संख्या में आये।संघर्ष समिति के विरोध के चलते आज टेकनिकल बिड नहीं खोली जा सकी। संघर्ष समिति के पदाधिकारियां ने बताया कि टेक्निकल बिड खोले जाने की अगली तारीख 10 मार्च निर्धारित की गयी है। संघर्ष समिति के आह्वान पर सोमवार को राजधानी लखनऊ के अलावा प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए हैं। संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि जब तक निजीकरण की चल रही प्रक्रिया पूरी तरह निरस्त नहीं की जाती है । तब तक संघर्ष जारी रहेगा। बिजली के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन का आज 96वाँ दिन है।
संघर्ष समिति ने कहा कि रेवेन्यू पोटेंशियल का आंकलन किये बिना और परिसम्पत्तियों का मूल्यांकन से निजीकरण की प्रक्रिया जारी रखना इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के सेक्शन 131 का खुला उल्लंघन है। ट्रांजेक्शन कंसलटेंट नियुक्त करने में कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के प्राविधान को हटाना सीवीसी की गाइडलाइन्स का उल्लंघन है। संघर्ष समिति की सभाओं में आज प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास व्यक्त किया गया। संघर्ष समिति ने मा. मुख्यमंत्री से अपील की है कि निजीकरण जैसे मामले पर बड़े घोटाले की आशंका के मद्देनजर वे प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण की सारी प्रक्रिया निरस्त करने की कृपा करें।
वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध सभा में मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने इंजीनियर दीपक सिंह ,विनीत मिश्रा, अंशु पांडे सुमित यादव, राजेश गौतम, रामजन्म ,विनोद कुमार, यादव विनोद कुमार, संतोष कुमार, प्रदीप कुमार शिव, शंकर सिंह ,नवीन कुमार, सुरेंद्र कुमार सिंह ,महेश्वर सिंह, बृजेश कुमार दुबे ,सर्वेश कुमार ,दुबे बृजेश कुमार मौजूद रहे।