अज़ान की सदाएं सुन कर मोमिनीन ने खोला रमजान का पहला रोजा
मस्जिद लंगडे हाफिज में हुई इफ्तार दावत
सरफराज अहमद
वाराणसी। रमजान के पहले रोज मस्जिदों से जैसे ही अजान की सदाएं, अल्लाह हो अकबर, अल्लाह हो अकबर… की गूंज सुनाई दी, तमाम रोजेदारों ने खजूर और पानी से इस साल का पहला रोजा खोला। इफ्तार में कई तरह के लजीज पकवान संग शर्बत भी सजाया गया था। रोज़ा इफ्तार, और मस्जिदों में नमाज के साथ ही चारों तरफ नूर ही नूर, हर तरफ खुशी ही खुशी मुस्लिम बहुल इलाकों में देखने को मिली। रमजान की रहमत जहां बरस रही थी वहीं दूसरी ओर इफ्तार के बाद बाजार गुलजार हो गए। पहला रोजा इतवार को पड़ा है, जिसके चलते रोजेदारों को छुट्टी होने से थोड़ा राहत मिली। फजर से लेकर सभी नमाजो में मस्जिदें पहले ही दिन नमाजियों से भरी हुई नज़र आयी। इफ्तार के बाद लोगों ने बाजार का रुख किया। इस दौरान सहरी के लिए खरीदारी करते हुए मोमीनीन बाजारों में दिखाई दिए।
इस दौरान कई मस्जिदों में नमाज़ के दौरान इमाम साहब आने वाले लोगों को नेकी की दावत देते भी दिखाई दिए। कहां यह महीना नेकियों का महीना है इस महीने की अजमत को समझें और बुराइयों को छोड़कर मोमिनीन ज्यादा से ज्यादा सवाब कमाने में जुट जाएं। उधर ख़्वातीन दोपहर से ही लजीज इफतारी बनाने में जुटी हुई थी। देखते ही देखते कब वक्त इफ्तार का हो गया पता ही नहीं चला और मस्जिदों से अज़ान की सदाएं गूंज उठी रोजेदारों ने पहला रोजा खोला और मुल्क में अमन, मिल्लत और क़ौम की तरक्की के लिए दुआएं मांगी।
मस्जिद लंगड़े हाफिज में रोजा इफ्तार
रमजान उल मुबारक के पहले रोज मस्जिद लंगडे हाफिज नयी सड़क में शाहिद अली खान मुन्ना की अगुवाई में रोजेदारों ने बड़ी अकीदत और एहतेराम के साथ रोज़ा खोला। इस मौके पर हाजी मोहम्मद शाहिद अली मुन्ना ने लंगड़े हाफिज मस्जिद में मग़रिब की अजान दी, फिर क्या था रोज़दारों ने खजूर और शरबत से रोजा खोल कर अल्लाह पाक से दुआ मांगी और मुल्क की तरक्की, कारोबार की बेहतरी के लिये अल्लाह से दुआएं मांगी। रोजेदारों को रोजा इफ्तार कराने में आरिफ चौधरी, मोहम्मद आज़म, गुलाम अहमद, अकबर, कमरूदीन, भोलू, अब्दुल्लाह, मो. फजलुर्रहमान आदि मौजूद थे।