चंदौली

डीडीयू रेल ने सैकड़ो बिछुड़ने वाले श्रद्धालुओ को मिलवाया

महाकुम्भ प्रयाराज से चले थे एक साथ लेकिन   भीड़ की वजह से गए थे बिछुड़

चंदौली । मेले में बिछुड़ने की बाते अक्सर सुनाई देती है । कुछ लोग मिल भी जाते है तो कुछ लोग बिछुड़ जाते है । कुछ ऐसा ही वाक्या प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में भी देखने को मिल रहा है । जहां बिछुड़ने के बाद उनके परिवार जन खोज रहे है और किसी न किसी जगह मिल भी जा रहे है । डीडीयू रेलवे ने मौनी अमावस्या पर अपनों से बिछड़े तीन सौ से अधिक लोगों को मिलाया। महाकुंभ में स्टेशन पर उमड़ी भारी भीड़ के बीच रेलवे प्रशासन के प्रयास ने श्रद्धालुओं के चेहरे पर मुस्कान लौटाने का कार्य किया है।
महाकुंभ में स्नान करने के लिए देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न मार्गो से संगम नगरी प्रयागराज पहुंच रहे हैं। अक्सर ऐसी भीड़ में लोग अपनों से बिछड़ जाते हैं। लेकिन इन सब दुष्वारियों के बीच डीडीयू रेलवे उन बिछड़े हुए लोगों को अपनों से मिलने के लिए महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई है। मौनी अमावस्या पर शाही स्नान कर लौट रहे तीन सौ से अधिक श्रद्धालुओं को डीडीयू रेलवे उनके अपनो से मिलाया। रेलवे की यह पहल श्रद्धालुओं के खुशी का कारण बनी।

महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद लोग अमृत स्नान कर जैसे-तैसे अपने घरों को जाने के लिए निकलने लगे। ऐसे में अचानक प्रयागराज जक्शन पर भारी भीड़ जुट गई। रेलवे स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को किसी प्रकार प्रयागराज से उनके गन्तव्य को भेजने में जुट गई। जिसके कारण डीडीयू जंक्शन पर भी भारी भीड़ हो गई। इस बीच रेलवे के हेल्प डेस्क पर अपनो से बिछड़ जाने के बाद मदद की उम्मीद से लगातार श्रद्धालु पहुचने लगे। जिसके बाद हेल्प डेस्क के कर्मचारियों ने उन श्रद्धालुओं का सहयोग किया और उनके परिजनों से मिलाया।

अपनो से बिछड़ने वालों में कुछ लोग ऐसे थें जो डीडीयू स्टेशन पर बिछड़ गए तो कुछ ऐसे लोग थें की उनके साथी प्रयागराज ही छूट गए। इतना ही नहीं बिछड़ने वालों में कुछ ऐसे लोग भी थें जो मेले में ही बिछड़ गए और इस उम्मीद से डीडीयू जक्शन रुक गए की इसी रुट से घर जाना है रेलवे उनकी मदद जरूर करेगा। रेलवे उन श्रद्धालुओं की उम्मीदों पर सही साबित हुआ। सिर्फ मौनी अमावस्या के शाही स्नान पर ही डीडीयू रेलवे ने तीन सौ से अधिक अपनो से बिछड़ गए श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाया और उनकी खुशियों का भागीदार बना। बिछुड़कर मिलने वाले श्रद्धालुओं ने रेल प्रशासन को धन्यवाद दिया ।

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