महाकुंभ में एआर-तकनीक से आईटीसी मंगलदीप जनमानस तक पहुंचा रहा भक्ति का नया अनुभव

प्रयागराज। आईटीसी मंगलदीप, महाकुंभ 2025 के आध्यात्मिक अनुभवों को पुन: परिभाषित करने के लिए अत्याधुनिक थ्रीडी ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) तकनीक को शामिल करके भक्ति में जुड़ाव का एक नया मानक स्थापित कर रहा है। यह पहल श्रद्धालुओं को एक ऑनलाइन द्वार प्रदान करती है, जिससे वे महाकुंभ के पवित्र अनुष्ठानों जैसे शाही स्नान, दीपदान और आरती को अपने घरों में अनुभव कर सकते हैं। आईटीसी मंगलदीप की एआर-संचालित पहल सुनिश्चित करती है कि महाकुंभ की परिवर्तनकारी भावना विश्व के हर कोने में पहुंचे।
आईटीसी के माचिस और अगरबत्ती डिवीजन के डिविज़नल सीईओ गौरव टायल ने कहा कि महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं है; यह विश्वास, परंपरा और आध्यात्मिकता का एक गहन संगम है। आईटीसी मंगलदीप में हमें यह पवित्र अनुभव उन लाखों लोगों के करीब लाने का विस्वास है, जो शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सकते हमारी एआर पहल न केवल दूरियों को पाटती है, बल्कि परंपरा और नवाचार के बीच संबंध को भी गहराती है, यह सुनिश्चित करते हुए कि ईश्वर की कृपा सरहदों से परे सभी तक पहुंचे।
एआर अनुभव के माध्यम से आईटीसी मंगलदीप ने एक व्यक्तिगत भक्ति फ़िल्टर पेश किया है जो उपयोगकर्ताओं को विशिष्ट महाकुंभ का स्मृति चिन्ह बनाने की सुविधा देता है। इसके माध्यम से श्रद्धालु वर्चुअली अनुष्ठानों में भाग ले सकते हैं, अपने आध्यात्मिक क्षणों को कैद कर सकते हैं और इन्हें अपने प्रियजनों के साथ साझा कर सकते हैं, जिससे पवित्र ऊर्जा को श्रद्धास्थल से परे फैलाया जा सके।
इस नवाचार को और खास बनाते हुए मंगलदीप एक हाइब्रिड दीपदान समारोह आयोजित कर रहा है, जहां एआर उपयोगकर्ताओं द्वारा की गई वर्चुअल भेंटों को हर सप्ताह गंगा नदी में भौतिक रूप से समर्पित किया जाएगा। डिजिटल और भौतिक संसार के इस सुगम समेकन से एक गहरी व्यक्तिगत जुड़ाव बनती है, जो यह सुनिश्चित करती है कि महाकुंभ का सार व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अनुभव किया जा सके।