
सुशील कुमार मिश्रा
हिंदुस्तान संदेश (वाराणसी)।अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में “सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए दिव्यांगजन समावेशी समाजों को बढ़ावा देना” विषय पर विचार गोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाते हुए आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में समावेश करने को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ दिव्यांगजनों की क्षमताओं को नई दिशा देने में सहायक होते हैं। कुलपति ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र भी प्रदान किए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, दिव्यांगजन आयुक्त कार्यालय, गोवा आयोग के सचिव तहा हाजिक ने दिव्यांग विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगता किसी भी प्रकार से आत्मसम्मान में कमी का कारण नहीं होनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को उनके संवैधानिक अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी और उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिए।स्वागत उद्बोधन में संयुक्त कुलसचिव एवं दिव्यांग प्रकोष्ठ समन्वयक डॉ संजय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य बीएचयू को ऐसा संस्थान बनाना है जहाँ दिव्यांगता कभी भी प्रतिभा और योग्यता की राह में बाधा न बने।कार्यक्रम में प्रो. ए. गंगाधरन (इतिहास विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय) तथा डॉ. अपाला शाह (भूगोल विभाग, विज्ञान संकाय) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन रवि राय, निशा भगत एवं अभय कुमार शर्मा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी राहुल यादव द्वारा प्रस्तुत किया गया। सांस्कृतिक प्रस्तुति के अंतर्गत इंद्रजीत साकेत ने नटराज स्तुति प्रस्तुत की। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रशासनिक अधिकारी, खेदन राम (अनुभाग अधिकारी), जितेंद्र वर्मा (वरिष्ठ सहायक), मनोज भारती तथा सुनील (कार्यालय कर्मचारी) भी उपस्थित रहे।




