कृषिवाराणसी

किसानों ने सीखी टमाटर के प्रसंस्कृत उत्पादों की तकनीक

कृषक सहभागी प्रशिक्षण समय की मांग
डॉ डॉ. एस. आर. के. सिंह, निदेशक, अटारी, जबलपुर

वाराणसी । भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी और ग्रामीण फाउंडेशन फॉर सोशल इम्पैक्ट के सहयोग से तीन दिवसीय (17–19 दिसम्बर, 2024) आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “उद्यमिता विकास के लिए टमाटर में प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन” आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य टमाटर की खेती और प्रसंस्करण से जुड़ी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला (एंड-टू-एंड वैल्यू चेन) पर प्रशिक्षण प्रदान करना है। इसमें टमाटर प्रसंस्करण में मूल्यवर्धन (वैल्यू एडिशन) और बेहतर कृषि पद्धतियों (गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस) पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यक्रम में वाराणसी, मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों के 10 विभिन्न किसान उत्पादक संगठनों के 25 किसान प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को टमाटर उत्पादन की आधुनिक तकनीकों और प्रसंस्करण की प्रक्रियाओं से अवगत कराया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों की आय बढ़ाने और कृषि उत्पादों के मूल्यवर्धन के अवसरों को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. एस. आर. के. सिंह, निदेशक, अटारी, जबलपुर एवं संस्थान के निदेशक डॉ. नागेन्द्र राय ने किया। इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. नीरज सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. जगेश कुमार तिवारी, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. इन्दीवर प्रसाद, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. आत्मा नन्द त्रिपाठी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एंड डॉ. श्रेया पंवार, वैज्ञानिक, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ.सुदर्शन मौर्या प्रधान वैज्ञानिक, एवं डॉ. शैलेश तिवारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक; एवं ग्रामीण फाउंडेशन के प्रतिनिधि देवेंदर मेहता एवं सब्जार अहमद भी मौजूद रहे।

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