शहीद जवान चंद्र प्रकाश का पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने उमड़ा जन सैलाब..
सेना के जवान और यू पी पुलिस के जवानों ने दी गार्ड ऑफ ऑनर से अंतिम सलामी
तारा त्रिपाठी
मीरजापुर। मझवा क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत नरायनपुर ( जमुआ) निवासी सेना का जवान अमर शहीद जयप्रकाश पटेल (उम्र 31)वर्ष पुत्र राजनाथ पटेल की पार्थिव शरीर सेना के एम्बुलेंस द्वारा राजस्थान से जैसे ही उनके पैतृक गांव नारायनपुर जमुआ पहुंचा वैसे ही सुबह से अंतिम दर्शन करने के लिए पूरे क्षेत्र के हजारों की संख्या से अधिक महिला एवम पुरुषों जनसैलाब उमड़ पड़ा। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मैदान में से लेकर उनके घर तक हजारों से अधिक की संख्या में क्षेत्रीय लोग पार्थिव शरीर का सुबह से ही इंतजार करते रहे। देर शाम लगभग चार बजे अमर जवान कि गांव पहुंची पार्थिव शरीर को गोरखा रेजिमेंट के मेजर व सूबेदार रुप बहादुर व तुल बहादुर पाल, एडीएम नमामि गंगे देवेन्द्र प्रताप सिंह, एएसपी सिटी नितेश सिंह, एसडीएम सदर गुलाब चंद्र, सीओ सदर अमर बहादुर, थाना प्रभारी अंजनी राय व पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र पटेल और प्रमुख मझवा दिलीप कुमार सिंह ने माल्यार्पण और पुष्प गुच्छ अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। श्रद्धांजलि से पूर्व गोरखा रेजिमेंट बटालियन व पुलिस के जवानों द्वारा राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दिया गया और गार्ड ऑफ ऑनर देने के पश्चात श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।शहीद जवान चंद्र प्रकाश प्रकाश के पार्थिव शरीर को सेना के वाहन को फूल मालाओं से सजाकर डीजे द्वारा देश भक्ति गीत के धुन पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल विद्यालय मैदान से नरायनपुर गेट होते हुए दुर्गा मंदिर तक भ्रमण करते हुए पार्थिव शरीर को सेना की अगुवाई में अंतिम संस्कार के लिए चुनार थानाक्षेत्र स्थित अदालपुरा घाट के लिए रवाना किया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में हाथों में तिरंगा झंडा लिए युवाओं के “भारत माता की जय, बंदे मातरम व जब तक सूरज चांद रहेगा चन्द्र प्रकाश का नाम रहेगा” की नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। वही पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने हेतु भारी संख्या में महिलाओं समेत भारी संख्या में भीड़ उमड़ी रही। गांव के वीर सपूत चंद्र प्रकाश पटेल के शहीद होने पर महिलाओं ने भी रो रो कर नम आंखों से पुष्प अर्पित कर विदाई दिया। पार्थिव शरीर के साथ आए हुए सेना के जवानों से जानकारी लेने पर उनलोगों ने बताया गया कि राजस्थान के सूरतगढ़ में 99वी बटालियन के रूप में तैनात चंद्रप्रकाश ट्रेनिंग के दरमियान सोमवार की सुबह पास में रखी हुई बारूद ब्लास्ट हो जाने से की आकस्मिक मौत हो गई। जिसकी जानकारी साथी जवानों ने पत्नी स्नेहा को दिया। सुनते ही स्नेहा के होश उड़ गए और वह बेसुध हो गई। जिसके पश्चात साथी जवानों ने पत्नी के ही फोन से परिजनों को सूचना दिया। सूचना मिलते हैं परिजनों समेत ग्रामीणों में कोहराम मच गया। वही मंगलवार को सेना के जवानों कि अगुवाई में पार्थिव शरीर को अंतिम सलामी और बिदाई दी गई ।शहीद जवान कि पत्नी स्नेहा बेसुध पड़ी रही और इकलौते पुत्र अयांश ने भी नम आंखों से अपने पिता को सलामी देते हुए अंतिम विदाई दिया।
जिसके पश्चात राजकीय सम्मान के साथ पार्थिव शरीर को लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल गेट से जमुआ बाजार दुर्गा जी मंदिर होते हुए बाजार की महिलाओं ने छत से शहीद के शव वाहन पर पुष्प वर्षा करते हुए नम आंखों से शहीद बीर सपूत जवान को अंतिम विदाई दी।
अपने जन्मदिन के दिन ही शहीद जवान के इकलौते पुत्र ने अपने अमर शहीद पिता को दी मुखाग्नि….
अमर शहीद जवान चंद्र प्रकाश पटेल का इकलौता पुत्र अयांश का 17 दिसंबर को ही उसका तीसरे वर्ष का जन्मदिन होना था,बेटे अयांश ने बताया कि उसके इस जन्मदिन पर उसके शहीद पिता ने इलेक्ट्रिक साइकिल और गन देने का वादा किया था लेकिन उसके जन्मदिन से दो दिनों पहले ही पापा बिना कुछ बताए ट्रेनिंग पर चले गए। बीर सपूत जवान चंद्र प्रकाश पटेल के बुजुर्ग पिता की हालत नाजुक होने पर परिजनो और सेना के जवानों के साथ शमशान घाट गए इकलौते पुत्र अयांश ने रोते हुए अपने बीर शहीद पिता को मुखाग्नि दी और कहा कि मेरे पापा अमर रहे।