वाराणसी

प्रमुख छायाकार राजकुमार प्रसून के छायाचित्र की प्रदर्शनी देखने जुटे लोग

दो दिवसीय प्रदर्शनी का हुआ आगाज

एफ. फारुकी
वाराणसी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के पुरातत्व संग्रहालय में शनिवार को अण्डमान निकोबार सेल्युलर जेल पर आधारित प्रमुख छायाकार राजकुमार प्रसून के छायाचित्र का 75 वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर दो दिवसीय प्रदर्शनी का उ‌द्घाटन हुआ। अध्यक्षता प्रो विदु द्विवेदी (संकायाध्यक्ष आधुनिक ज्ञान-विज्ञान संकाय), मुख्य अतिथि- साक्षी पाण्डेय (विनर मिसेज बनारस), विशिष्ट अतिथि प्रो. जितेन्द्र शाही, प्रो. रामपूजन पाण्डेय, प्रो. राजनाथ, प्रो. शैलेश कुमार मिश्र, तथा संचालन आईएजे के डॉ. कैलाश सिंह विकास,धन्यवाद प्रकाश पुरातत्त्व संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ. विमल कुमार त्रिपाठी ने किया। दो दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन सामाजिक विज्ञान विभाग, पुरातत्त्व संग्रहालय, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी एवं आईएजे के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ।

समापन रविवार को दोपहर 12 बजे होगा। सामाजिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राजनाथ ने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी देश के समस्त विद्यालयों व विश्वविद्यालयों में सरकार की तरफ से लगायी जानी चाहिए जिससे आज के हमारी युवा पीढ़ी आजादी को प्राप्त करने के लिए कितने वीर सपूतों ने अपनी प्राणों की आहूति दी, कितनी यातनाएं सही, इसे भी समझ सकें। ताकि देश की स्वतन्त्रता को अक्षुण बनाए रखने के लिए वे भी अपने प्राणों की आकृति देने के लिए सहस तैयार रहे। इस अवसर पर उन्होंने खुदीराम बोस, उधम सिंह, बहादूर शाह जफर एवं अन्य क्रान्तिकारियों
की आजादी में आहूति दी अपनी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजली दिया। उपस्थित छात्रों एवं जनसमूह से अपील किया कि देश की आजादी को अक्षुण रखने के साथ-साथ अपनी संस्कार, संस्कृति, को भी बनाए रखना होगा यही हमारी सच्ची आजादी होगी।

सहज ऐकेडमी के प्रबन्धक निलेन्द्र कुमार सिंह ने छायाचित्र प्रदर्शनी से प्रभावित होकर आगामी 29 व 30 जनवरी को विद्यालय के सभागार में छायाचित्र प्रदर्शनी लगाने की घोषणा की। इस अवसर पर प्रो. हरि प्रसाद अधिकारी, प्रो. रमेश कुमार, प्रो. शरद कुमार, प्रो. हरि शंकर पाण्डेय, डॉ. सतेन्द्र यादव, डॉ. सन्तोष कुमार सिंह, डॉ. विमल, डॉ. कैलाश सिंह विकास, राजकुमार प्रसून, विनय श्रीवास्तव, मो.दाऊद, राजु वर्मा, राजेन्द्र श्रीवास्तव, अमित पाण्डेय, संदीप चौबे, राकेश कुमार, दुर्गा प्रस्राद, मोहन लाल, तेजस कुमार सिंह आदि थे।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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