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BHU:कुलपति ने किया कमच्छा स्थित बीएचयू स्कूलों का दौरा

विद्यार्थी सुविधाओं की समीक्षा की, आधारभूत संरचना के उन्नयन में सहयोग का दिया आश्वासन

सुशील कुमार मिश्र/ वाराणसी। कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने प्रभावी पठन-पाठन के लिए विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से समझने की आवश्यकता पर बल दिया है। प्रो. चतुर्वेदी शुक्रवार को कमच्छा स्थित बीएचयू के स्कूलों के शिक्षकों के साथ संवाद कर रहे थे। यह कार्यक्रम कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय समुदाय से सीधे संवाद स्थापित करने की पहल का हिस्सा था। इस अवसर पर सेंट्रल हिन्दू गर्ल्स स्कूल, सेंट्रल हिन्दू बॉयज स्कूल, कोल्हुआ स्थित प्राथमिक विद्यालय और रणवीर संस्कृत विद्यालय के शिक्षक उपस्थित रहे।
इससे पूर्व, कुलपति ने चारों स्कूल परिसरों का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ प्रो. सुषमा घिल्डियाल (उपाध्यक्ष, स्कूल बोर्ड), प्रो. मधु कुशवाहा (प्रधानाचार्य, सेंट्रल हिन्दू गर्ल्स स्कूल), डॉ. स्वाति अग्रवाल (प्रधानाचार्य, सेंट्रल हिन्दू बॉयज स्कूल), तथा डॉ. आनंद कुमार जैन (प्रधानाचार्य, रणवीर संस्कृत विद्यालय) उपस्थित थे। प्रो. सुषमा घिल्डियाल ने कुलपति जी को स्कूलों की विभिन्न सुविधाओं, विद्यार्थी सेवाओं तथा अन्य पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने कुलपति जी को विद्यालयों में चल रही परियोजनाओं की प्रगति से भी अवगत कराया। सेंट्रल हिन्दू गर्ल्स स्कूल की प्रधानाचार्य प्रो. मधु कुशवाहा ने विद्यालय में छात्राओं के लिए उपलब्ध सुविधाओं के विकास हेतु किये गए प्रयासों से कुलपति जी को अवगत कराया।

कुलपति ने कक्षाओं, प्रयोगशालाओं और छात्रावासों का निरीक्षण कर स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। उन्होंने सेंट्रल हिन्दू बॉयज स्कूल के छात्रावास का भी निरीक्षण किया, जिसका हाल ही में विस्तार किया गया है और इसकी क्षमता 104 से बढ़कर 160 छात्रों की हो गई है, उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए आरामदायक और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। छात्रावास तैयार है और शीघ्र ही छात्रों को आवंटित किया जाएगा।रणवीर संस्कृत विद्यालय के दौरे के दौरान कुलपति जी ने वहां 12,000 से अधिक पुस्तकों के ग्रन्थालय की सराहना की और सुझाव दिया कि दुर्लभ पुस्तकों की एक सूची ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाए ताकि वैश्विक स्तर पर अकादमिक समुदाय और शोधकर्ता इन अमूल्य संसाधनों की जानकारी प्राप्त कर सकें। विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. आनंद कुमार जैन ने कुलपति जी को रणवीर संस्कृत विद्यालय की समृद्ध विरासत के बारे में बताया।

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