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धर्मवाराणसी

काशी के न्यायाधीश बाबा लाट भैरव के तिलकोत्सव से पंच दिवसीय वैवाहिक कार्यक्रम

7 को प्रातः 6 बजे निकलेगी बारात सूतककाल के पहले मंदिर के पट हो जाएंगे बंद
सुशील कुमार मिश्र/ वाराणसी।चंद्र ग्रहण के कारण काशी के न्यायाधीश बाबा श्री लाट भैरव के वैवाहिक कार्यक्रम में इस वर्ष बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।समिति के मीडिया प्रभारी शिवम अग्रहरि के अनुसार 7 सितंबर को विशेश्वरगंज स्थित इन्ना माई की गली स्थित बसंत सिंह राठौर के निवास से बारात प्रातःकाल 6 बजे निकलेगी।ऐसा ही परिवर्तन कोरोना काल में देखने को मिला था।जब दिन में वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराये गए थें।4 सितंबर को सायंकाल 5 बजे तिलक शोभायात्रा कज्जाकपुरा स्थित मंदिर से विशेश्वरगंज शीतला माता मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी।बाबा के तिलक के साथ पंच दिवसीय वैवाहिक कार्यक्रम का शुभारंभ होगा।समस्त कार्यक्रम श्री कपाल भैरव अथवा लाट भैरव प्रबंधक समिति के देखरेख में संपन्न होगा।बारात शोभायात्रा का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी करेंगे और समिति के अध्यक्ष रोहित जायसवाल (पार्षद) बाबा श्री को तिलक चढ़ाएंगे।
तैयारी पूरी कपाल मोचन कुंड की सफाई दिवालों पर आकर्षक रंग-रोगन वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान लाट भैरव कुंड के चारों ओर विशेष साज-सज्जा होती है।हजारों की संख्या में भक्त दर्शन हेतु आते हैं।श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए शासन प्रशासन ने विशेष तैयारी की है।विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी के निर्देश पर खराब मार्गों की मरम्मत, कुंड के जल की सफाई, फव्वारे की मरम्मत, दिवालों पर आकर्षक रंग-रोगन, समुचित प्रकाश व्यवस्था आदि का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है।जलकल विभाग को पेयजल, नगर निगम को सफाई व्यवस्था, विद्युत निगम समेत सभी विभागों को तय समय में समुचित प्रबंध करने के लिए निर्देश दिया जा चुका है।
मेले के स्वरूप में भारी बदलाव रात्रिकालीन कार्यक्रम पर ग्रहण हावी श्रद्धालु दोपहर 12 बजे तक कर सकेंगे दर्शन आमतौर पर बाबा लाट भैरव का बारात जिसमें बाबा श्री के विशाल रजत मुखौटे के साथ ही विभिन्न लाग विमान, डमरू दल, मार्ग पर्यंत हजारों भक्तों द्वारा आरती ये सभी विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं।इस वर्ष बारात व मेले के स्वरूप में काफी कुछ बदला नज़र आएगा।2 किलोमिटर लंबे बारात मार्ग को पार करने में सामान्य दिनों में 10 घंटे से अधिक का समय लगता है।जबकि इस वर्ष मात्र 4 घंटे में बारात पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।यहीं नहीं सूतककाल से पहले ही वैवाहिक कार्यक्रम भी संपन्न कराएं जाने हैं।इसके बाद मंदिर का पट बंद कर दर्शन पूजन रोक दिया जाएगा। समिति के मंत्री मुन्ना लाल यादव ने बताया कि रात्रिकालीन सभी आयोजन नहीं हो सकेंगे।ग्रहणकाल तक श्रद्धालु कपाल मोचन कुंड पर भजन-कीर्तन, जप व स्नानादि करेंगे।दोपहर 12 बजे तक श्रद्धालु मंदिर में बाबा के दर्शन कर सकेंगे।अगले दिन सोमवार को खिचड़ी का भंडारा पूर्व की भांति पूरे उत्साह के साथ होगा।

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