नेत्रदान महादान,नेत्रदान चार धाम,BHU नेत्र बैंक की महत्वपूर्ण पहल

नेत्र विभाग में नेत्र प्रत्यारोपण पूर्ण रूप से निःशुल्क है। बीएचयू के क्षेत्रीय नेत्र चिकित्सा के विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर आरपी मौर्य से हिंदुस्तान संदेश के संपादक सुशील कुमार मिश्र बातचीत के दौरान
आज विश्व नेत्रदान दिवस के अवसर पर प्रोफेसर राजेन्द्र प्रकाश मौर्य , विभाग्याध्यक्ष, क्षेत्रीय नेत्र संस्थान, बी० एच० पू० एवं चेयरमैन बी० एच० पू० आई बैंक, द्वारा जनमानस को क्या सुझाव
प्र0-1 कार्निया (स्वच्छ पटल) क्या है?
उ0- कार्निया आँख के अग्रभाग में काली पुतली के ठीक ऊपर शीशे की तरह पारदर्शी, मोटी झिल्ली होती है, जिससे होकर प्रकाश की किरणें दृष्टिपटल (रेटिना) तक पहुँचती है।
प्र0-2 कार्निया क्यों क्षतिग्रस्त (अपारदर्शी) हो जाता है?
उ0- कार्निया प्रायः आँखों में संक्रमण, चोट व रासायनिक पदार्थ जाने, कुपोषणता, जन्मजात विकृति व शल्यक्रिया की जटिलता के कारण क्षतिग्रस्त हो जाता है।
प्र0-3 कार्नियल दृष्टिहीनता का इलाज क्या है?
उ0- कार्नियल दृष्टिहीनता का एकमात्र इलाज कार्निया का प्रत्यारोपण है।
प्र0-4 नेत्रदान क्यों ?
उ0- कुल लगभग एक करोड़ पचास लाख दृष्टिहीन व्यक्तियों में लगभग 68 लाख केवल कार्नियल दृष्टिहीनता के शिकार हैं। जिसमें प्रतिवर्ष एक लाख नए दृष्टिहीन जुड़ रहे हैं। लगभग 46 प्रतिशत कार्नियल दृष्टिहीन 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चें होते हैं। देश में प्रतिवर्ष केवल 22000 कार्निया दान में मिल पाता है जबकि प्रतिवर्ष एक लाख कार्निया की जरूरत है।
प्र0-5 क्या कार्निया के स्थान पर कृत्रिम (नकली) कार्निया कोई विकल्प उपलब्ध है?
उ0- नहीं रक्त की तरह कार्निया का भी कोई कृत्रिम विकल्प अभी तक उपलब्ध नहीं है। कृत्रिम कार्निया अभी तक उपलब्ध नहीं है।
प्र0-6 नेत्रदान कौन कर सकता है?
उ0- नेत्रदान किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति स्त्री, पुरुष व किसी भी धर्म का अमीर या गरीब कर सकता है, जो रक्तचाप, मधुमेह, पावर का चश्मा लगाते हों जो आखों का ऑपरेशन करा चुके हैं। वे भी नेत्रदान कर सकते हैं। केवल जिनको एच आई वी (एड्स) या जो हेपिटाइटिस बी/सी जैसी बीमारी हो वे नेत्र दान नहीं कर सकते हैं।

प्र0-7 नेत्रदान से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य क्या हैं?
उ0- (क) नेत्रदान केवल मृत्यु के पश्चात ही किया जा सकता है। जिंदा व्यक्ति का कार्निया नहीं निकाला जाता है।
(ख) नेत्रदान मृत्यु के 4-6 घंटे के अंदर हो जाना चाहिए।
(ग) ् नेत्रदान कहीं भी किसी भी स्थान पर हो सकता है, जहाँ मृतक का शव रखा हो।
(घ) नेत्रदान के कारण अंतिम संस्कार में विलंब नहीं होता है, कार्निया 15-20 मिनट में निकाल में निकाल ली जाती है।
(ङ) नेत्र निकालने से शव का चेहरा विकृत नहीं होता है।
(च) नेत्रदान करने से अगले जन्म में दृष्टिहीन होगा, यह बहुत बड़ा अंधविश्वास है।
(छ) नेत्रदान व नेत्र प्रत्यारोपण में कोई भी खर्चा नहीं देना पड़ता है यह सरकारी संस्थान द्वारा मुफ़्त प्रदान की जाती है। दान की गई आँखों को कभी भी खरीदा व बेचा नहीं जाता है। ऐसा करना अपराध है।
(ज) बी० एच० यू० नेत्र विभाग में नेत्र प्रत्यारोपण पूर्ण रूप से निःशुल्क है। नेत्र ग्रहण करने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाती है।
प्र0-8 नेत्रदान की प्रक्रिया क्या हैं?
उ0- आप स्वयं जाकर अथवा फोन (9454497643,9170202523,9415353466 ) द्वारा बी० एच० यू० नेत्र बैंक से सम्पर्क करें। वे आपके नेत्रदान की प्रतिज्ञा को पंजीकृत कर लेगें और आपका एक नेत्रदान कार्ड दे देंगे।वैसे कोई भी व्यक्ति जीवन में किसी भी समय, नेत्रदान करने की प्रतिज्ञा कर सकता है। मृतक व्यक्ति की आँखे भी दान की जा सकती हैं चाहे उसने अपने जीवन में आँख दान करने की प्रतिज्ञा की हो अथवा नहीं। मृतक व्यक्ति के सम्बन्धी भी उसकी आँख दान कर सकते हैं बशर्ते कि मृतक व्यक्ति के जीते जी कभी नेत्रदान का विरोध न किया हो।

प्र0-9 आप जनमानस क्या महत्वपूर्ण सूचना देगे?
उ0-1. नेत्रदान करने के प्रतिज्ञा फॉर्म भरें और नेत्रदान करने के अपने इरादे को पंजीकृत कराएं।
2.अपना डोनर कार्ड सम्भाल कर रखें, यह लम्बे समय तक सभी को आपको संकल्प की याद दिलाता रहेगा।
3.नेत्रदान करने के अपने इरादे के बारे में अपने परिवार के डॉक्टर और सगे सम्बन्धियों से चर्चा करें।
4.नेत्रदान करने के अपने इरादे की घोषणा अपने वसीयतनामा में करें।
सगे सम्बन्धियों के लिए :
5.मृत्यु प्रमाण पत्र तुरंत प्राप्त करें और नेत्र संग्रह के लिए बी० एच० पू० नेत्र बैंक से संपर्क करें।
6.पंखें को बंद कर दे (ए० सी० को खुला रहने दे) और बंद पालक पर भींगी हुई रुई / कपड़ा रख दें। यह नेत्र गोलक को नरम रखने में मदद करेगा।
7.तकिये के सहारे सर को उठायें।
8.कृपया इस बात का ध्यान रखें की एड्स, हेपिटाइटिस आदि की जाँच के लिए नेत्र दाता का रक्त नमूना अवश्य ले लिया गया हो।




