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आगराउत्तर प्रदेश

आगरा विकास प्राधिकरण के सुपरवाइजर का घोटाला, आरटीआई मांगने पर विभाग ने पर्दा डाला

आकाश वर्मा
आगरा। आगरा विकास प्राधिकरण वैसे तो भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा से चर्चा में रहा है। लेकिन यहां के सुपरवाइजर हरेंद्र सिंह अपने वजूद का पूरा प्रयोग करते हुए आगरा के नामी गिरामी बिल्डर्स के साथ हमेशा से रहे उसके बदले मोटी रकम लेते रहे। तो वही विभाग की हर पोल बिल्डर्स को पहुंचाते रहे। वही इनके एक और कारनामे का खुलासा हुआ। जानकारी अनुसार 8-9 माह पूर्व लकुआ ग्रसित होने के कारण वह बिस्तर में थे। चौकाने वाली बात यह है कि इन्होंने अपनी कुर्सी पर एक साधारण युवक को बैठा दिया। हरेंद्र के न होने पर विवेक गौतम नामक युवक इनके कार्यभार को संभाल रहा था। अब यहां सोचने वाली बात है कि इनके 4-5 महीने न आने के दौरान इनकी उपस्थिति कौन दर्ज कर रहा था? यह सारा कारनामा यहां के जेई आमिल के सरंक्षण में हुआ है। हैरानी की बात तो वह हैं कि आरटीआई मांगने पर हरेंद्र के कारनामों पर विभाग ने पर्दा डालने की कोशिश की है। वही अलीगढ़ के एक आरटीआई एक्टिविस्ट व पत्रकार ने हरेन्द्र सिंह सुपरवाइजर के कथित भ्रष्टाचार से सम्बन्धित एडीए वीसी को पत्र लिख इस कारनामे से अवगत कराया है। पत्र में लिखा गया है कि “निवेदन कर अवगत कटाना है कि आपके विभाग में तैनात हरेन्द्र सिंह सुपरवाईजर जो कि वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात हैं, इनका स्थानान्तरण तो हुआ परन्तु इन्होने स्थानान्तरण रूकवाकर आगरा में तैनाती ले ली। जिस दिन से इनकी नियुक्ति हुई है उस दिन से यह आगरा में तैनात हैं। यहीं नहीं हरेन्द सिंह सुपरवाईजर ने अपनी जगह पर एक लड़के को नियुक्त कर रखा है जो कि इनकी सीट पर बैठकर और साईड पर जाकर अवैध वसूली करता है। जिस पर विभाग के अन्य अधिकारियों का सहयोग प्राप्त है। इस कारण भारी भ्रष्टाचार फैला हुआ है। हरेन्द्र सिंह से सम्बन्धित एक आर०टी०आई० के अन्तर्गत इनकी तैनाती का नियुक्ति प्रकरण तथा आगरा में कितने वर्षों से तैनात हैं, सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जन सूचना मांगी थी, परन्तु विभाग के जन सूचना अधिकारी के कथित भ्रष्टाचार के कारण यह जन सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई क्योंकि यह जन सूचना उपलब्ध होने से हरेन्द्र सिंह के कथित भ्रष्टाचार से सम्बन्धित कई प्रकरणों पर पर्दा उठ जाता। इस कारण जन सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई और यह कहकर वापिस कर दी गई कि यह व्यक्तिगत सूचना है, जबकि कोई भी कर्मचारी जनता के कार्य के लिए उ०प्र० शासन व सेन्ट्रल सर्विस में कर्मचारी है तो कोई भी सूचना व्यक्तिगत नहीं है यदि यह सचूना मिल जाती तो इनके भ्रष्टाचार से पर्दा उठ जाता।”  अब यहां देखना होगा कि अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध आगरा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एम अरुन्मौली ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी पर कब और क्या कार्यवाही करती हैं।

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