

– मासिक संगोष्ठी में दिया संदेश श्रीराम मंदिर में सम्पन्न हुआ ध्वजारोहण अनुष्ठान, सनातन युग का आगाज है।
– अब सभी सनातनियों को अपना दायित्व निभाते हुए नियमित सुंदरकांड का पाठ कर सुंदर समाज की नींव रखनी होगी।
अशोक कुमार मिश्र
लखनऊ (हिंदुस्तान संदेश)। ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की ओर से सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल की अगुवाई में शुक्रवार 21 नवम्बर को चिनहट के रजत डिग्री कॉलेज के सामने स्थित भव्य “सनातन धाम लॉन” परिसर में मासिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने बताया कि शुक्रवार 28 नवम्बर को उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पावन तीर्थस्थल “हर की पौड़ी” और शनिवार 29 नवम्बर को रुड़की के पावन तीर्थस्थल शिव मन्दिर में मातृ शक्तियों द्वारा दोपहर 12 बजे भव्य सुन्दर काण्ड महायज्ञ किया जाएगा। हर की पौड़ी, हरिद्वार के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल है। हर की पौड़ी का मतलब है भगवान विष्णु के चरण जहां स्नान करना बहुत ही पावन माना गया है वहीं रुड़की के सिविल लाइन्स में स्थित प्रतिष्ठित शिव मंदिर देश का प्रमुख सिद्धेश्वर महादेव शिव मंदिर है जहां भक्तों की सभी सच्ची मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सपना गोयल के अनुसार आयोजन तब और भी अहम हो जाता है जब कि सनातन आस्था के केन्द्र बने अयोध्या तीर्थ में बीते 25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण का महासंकल्प पूरा हुआ है। यह ध्वजारोहण सनातन युग की शुरुआत और वैश्विक स्तर पर भारतीयों की जागृति का प्रतीक बन गया है। उत्तराखंड के सुदंरकांड अनुष्ठान में “सुन्दर काण्ड महाअभियान, भारत वर्ष की बने पहचान” से जुड़ी सैकड़ों मातृशक्तियां स्थानीय स्तर पर एकत्र होकर उत्तराखंड पहुंच रही हैं। सपना गोयल के अनुसार उनके अभियान की साड़ी का रंग ही पीताम्बर नहीं है बल्कि यह एक संकल्प और संयम का भी प्रतीक है। वास्तव में पीले रंग की साड़ी हमें संदेश देती है कि इसको धारण करने वाला सनातन धर्म के लिए संकल्पित है। वह पवित्रता और भक्ति के मार्ग पर चल कर सुंदरकांड का पाठ करते हुए सुंदर समाज की नींव रखेगा। पीतांबर ज्ञान का भी प्रतीक है जो हमें सुंदरकांड के पाठ से सहज उपलब्ध होता है। सुंदरकांड के पाठ से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन की बाधाएं, दुख और संकट दूर होते हैं। इसके साथ ही, यह मानसिक शांति, सकारात्मकता, बल, बुद्धि और आत्मविश्वास बढ़ाता है, और पारिवारिक सद्भाव में सुधार करता है। इस अवसर पर उन्होंने एक बार पुन: “वोकल फॉर लोकल” का संदेश भी दिया। जिसका समर्थन मातृशक्तियों ने “दूध, दही मट्ठा थाली में, पेप्सी, कोकोकोला नाली में” नारा लगाते हुए किया।
सपना गोयल के अनुसार लखनऊ के झूलेलाल वाटिका से शुरू हुआ सुंदरकांड महा अभियान केवल एक साल की अल्पावधि में भारतवर्ष की पहचान बन गया है। बिना किसी सरकारी या निजी सहयोग के, बीते 10 मार्च 2024 को महिला दिवस के उपलक्ष्य में पांच हजार से अधिक मातृशक्तियों द्वारा लखनऊ के झूलेलाल घाट पर सामूहिक सुंदरकांड का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न करवाया गया था। सामूहिक सुंदरकांड का अभियान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वृहद रूप में निरंतर संचालित किया जा रहा है। इसके तहत नैमिषारण्य तीर्थ, उत्तराखंड कोटद्वार के प्रतिष्ठित प्राचीन मंदिर सिद्धबली परिसर, काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर, मथुरा स्थित भगवान कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर और प्रयागराज के लेटे हुए हनुमान मंदिर परिसर में भी सामूहिक सुंदरकांड पाठ का अनुष्ठान, सफलतापूर्वक आयोजित करवाया जा चुका है। इसके साथ ही अयोध्या जी जन्मभूमि परिसर में मातृशक्तियों द्वारा सामूहिक “मासिक सुंदरकाण्ड पाठ” का सिलसिला बीते साल 11 सितम्बर से शुरू हो गया है। वर्तमान में यह अभियान देश ही नहीं विदेशों तक में लोगों को भारतीय संतों और देवों की महान संस्कृति से जोड़ रहा है।




