ई-बैंकिंग की सुविधा बहुत आवश्यक, अब सहकारी बैंकों को उस दिशा में सोचने की जरूरत: एलजी मनोज सिन्हा
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जिला सहकारी बैंक के एटीएम कार्ड सेवा का किया शुभारंभ
गाजीपुर। ई -बैंकिंग की सुविधा बहुत आवश्यक हो गई ।अब सहकारी बैंकों को उस दिशा में सोचने की आवश्यकता है। नेट बैंकिंग, ई बैंकिंग किस तरह से हम जल्दी से जल्दी कैसे लागू कर सकते हैं, ताकि जो गैप है उसे भरा जा सके। यह बात जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को जिला पंचायत हाल में जिला सहकारी बैंक के एटीएम कार्ड की सेवा का शुभारंभ करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि जिन कारणों से मुख्य रूप से बैंक घाटे में रहा करते थे, वह कारण जल्दी से जल्दी समाप्त हो सके, यह आवश्यक है। जितना लाभांश अर्जित होगा बैंक किसान को उतना ही धन देने में, सहकारी समितियां को पुनर्जीवित करने में सहयोगी होगा। उन्होंने कहा कि जो लक्ष्य देश के सामने है उसको प्राप्त करने के लिए हमें फिर से अपनी अर्थव्यवस्था को तेज गति से आगे बढ़ाना होगा। जब तक किसान वह कृषि की हालत देश में नही बदलेगी तब तक कोई ताकत हमें विकसित भारत नहीं बना सकती । पिछले 10-11 वर्षों में भारत सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं इन प्रयासों को और तेज गति से हमें आगे बढ़ना है। सहकारिता एवं सहकारी बैंकों का इसमें बड़ा योगदान होगा जब तक इनपुट क्रेडिट किसान को नहीं मिलेगा तब तक सस्ते दर पर खेती करने के लिए किसान को धन नहीं मिलेगा। किसान की तब तक खेती अच्छी नहीं होगी। उसमें सहकारी बैंक की बड़ी भूमिका है। मनोज सिन्हा ने बैंक अध्यक्ष और प्रबंधन की मुक्त कंठ से प्रसंशा करते हुए कहा कि बैंक को मजबूत बनाने में इन लोगों ने अथक प्रयास किया है। सहकारिता के क्षेत्र के कारण ग्रामीण भारत को विकास की जो गति मिलनी चाहिए थी किन्हीं कारणो से कुछ वर्षों तक वह अवरूध हो गई थी। देश के दूसरे राज्यों को जब हम देखते हैं तो यह समझ में आता है कि सहकारिता के कारण कृषि के लिए उपलब्ध कराए जाने वाला धन खास तौर से किसानों के लिए बड़ी मात्रा में राज्यों को मिलता था। अनुपात के तौर पर देश के बाकी हिस्सों से पूर्वी उत्तर प्रदेश और जब गाज़ीपुर की तुलना हम करते हैं तो वह धनराशि बहुत सीमित थी।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार का बनाया, अमित शाह जी ने एक नया प्रयत्न सहकारिता के क्षेत्र में शुरू किया जितनी पैक्स है,प्राथमिक समितियां हैं कैसे उन्हें आर्थिक रूप से पुनर्जीवित किया जा सके। सहकारी बैंकों को कैसे पुनर्जीवन मिल सके और पूरे देश में सहकारिता को लेकर एक नया दृष्टिकोण सामने रखा है। डेढ़ लाख से ज्यादा नई समितियां देश में फिर से बनाई गई हैं। जो लक्ष्य रखा गया है सही दिशा में भारत आगे की ओर बढ़ रहा है जो देशवासियों का प्रधानमंत्री के कारण संकल्प है 2047 में जब देश आजादी का शताब्दी वर्ष मनाए तो हम एक विकसित भारत बन सके ।
जब देश हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों के कारण 1947 में आजाद हुआ । तब 1950 में जो सर्वेक्षण किया गया। उसमे स्थिति इतनी खराब हो गई थी की नई जीडीपी में हमारा हिस्सा सिर्फ 4% रह गया था। जो देश कभी 33% योगदान देता था वह घटकर 4% हो गया। हमें उन कारणों पर विचार करने की जरूरत है। जब-जब विभाजनकारी शक्तियों ने या आक्रांताओं ने देश को गुलाम बनाया। हम आर्थिक रूप से विपन्न हो गए ।इतिहास ने फिर से करवट बदली, चक्र घूम 2014 में और 2023 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जो सर्वेक्षण किया है उसके हिसाब से दुनिया के अर्थव्यवस्था में हमारा योगदान प्रतिशत 15% हो गया है। एलजी मनोज सिन्हा सहित मंचासीन अतिथियों ने एटीएम कार्ड का अनावरण कर लोकार्पण किया। जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष सरोजेश सिंह ने मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र से स्वागत अभिनन्दन किया। संचालन प्रवीण कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर राज्य सभा सांसद डा संगीता बलवंत, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, भानु प्रताप सिंह, कृष्ण बिहारी राय,पूर्व विधायक विरेन्द्र सिंह,विजय शंकर राय, बैंक के उप सभापति अच्छेलाल गुप्ता, सरिता अग्रवाल, शशिकांत शर्मा, दयाशंकर पांडेय,डा शोभनाथ यादव,श्री कैलाश चंद सचिव मुख्य कार्यपालक अधिकारी बैंक एवं सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक़ अंसल कुमार उपस्थित रहे।