गाज़ीपुर: मोथा तूफान ने मचाई भारी तबाही, किसानों की फसल हुई चौपट, मुआवजे की मांग

गाज़ीपुर/मुहम्मदाबाद। चक्रवाती तूफान मोंथा ने क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। धान,आलू,मसूर,हरी मटर,चना और दलहन जैसी फसलें पूरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा, गोभी, टमाटर, मिर्च और बैंगन जैसी सब्जियों की फसलें भी खराब हो गई हैं। शेरपुर, कुंडेसर, बक्सपुरा, बीरपुर, फिरोजपुर,मनिया,मिर्जाबाद, पलिया, सुखडेहरा, गोड़ी, खैराबारी, श्रीपुर,मुंडेरा,अवथही, सियाडी, खरडीहा, इत्यादि सैकड़ो गाँवो के किसान तूफान से ज्यादा प्रभावित हुए हैं। किसानों ने सरकार से मांग की है कि फसल नुकसान का सर्वे कर मुआवजे की व्यवस्था की जाए। सियाड़ी निवासी उन्नतशील किसान राकेश रंजन राय ने बताया कि सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि नुकसान की भरपाई कैसे होगी। लेखपालों द्वारा जमीनी स्तर पर सही वास्तविक सर्वेक्षण कैसे होगा ? क्योंकि फसल बीमा कंपनिया फसल प्रीमियम तो जमा करवा लेती हैं किन्तु मुआवाजा देने से कतराती हैं। सबसे दुखद बात ये है कि इन कम्पनियों पर शासन प्रशासन का कोई अंकुश भी नहीं है। असमय बारिश ने किसानों की चिंता इस कदर बढ़ा दी कि आने वाले समय में भूखमरी के शिकार होने की संभावना है।
ग्राम बकसपुरा कुण्डेसर में बाजरा की बालियां अंकुरित हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है। बाजरे की बालियां पक चुकी थी, तो किसी की काट कर खेत में छोड़ी गई थी, तभी लगातार बारिश से अनाज के दाने अंकुरित हो गए जिससे भारी नुकसान होने का अनुमान है।युवा किसान सुनील सिंह यादव ने बताया कि असमय बारिश ने उनकी फसल को बर्बाद कर दिया है। बाजरा की बालियां अंकुरित हो गई हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता खराब हो गई है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होगा और उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। किसान नवनीत राय, योगेश राय, उपेंद्र नाथ राय,चन्दन राय, बृजेश राय, राजीव राय, पंकज राय इत्यादि ने चक्रवाती तूफान द्वारा हुए नुकसान पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अभी हाल ही में पिछली बाढ़ में हम प्रभावित किसानों को ठीक से मुआवाजा नहीं मिला तो किसान चुप हो गये, किन्तु इस बार यदि सरकार और बीमा कंपनियों द्वारा नुकसान की भरपाई में कोई हीला हवाली हुई तो किसान एकजुट होकर भयंकर आंदोलन को बाध्य होंगे।




