
गाजीपुर। नगर के रौजा स्थित राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज में विश्व मधुमेह दिवस के पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। प्राचार्य प्रोफे डॉक्टर राजेंद्र राजपूत ने कहा कि वर्ल्ड डायबिटीज डे 2025 के लिए “मधुमेह और स्वास्थ्य” है। इस थीम का उद्देश्य लोगों तक यह बात पहुंचाना है। डायबिटीज सिर्फ ब्लड शुगर का मुद्दा नहीं है। बल्कि लाइफ क्वालिटी, शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मेल से जुड़ा विषय है। यह थीम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि डायबिटीज के साथ रहने वाले की जिंदगी सिर्फ दवाइयां लेने या ब्लड शुगर लेवल को जांचने तक सीमित नहीं होती है, बल्कि उन्हें रोज-रोज की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है, जिसमें सामाजिक भेदभाव, मानसिक थकान आदि समस्याएं शामिल हैं। वर्ल्ड डायबिटीज डे की शुरुआत साल 1991 में अंतरराष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (आईडीएफ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक साथ मिलकर की थी।
उन्होंने कहा कि इस दिन की शुरुआत विश्व स्तर पर डायबिटीज के बढ़ते मामलों और इसकी गंभीरता को समझते हुए लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए की गई थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य डायबिटीज से पीड़ित लोगों के सामने आने वाली स्वास्थ्य और लाइफ से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करना और जागरूकता बढ़ाने पर फोकस करना है,इस दिन को मनाने के लिए 14 नवंबर का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन सर फ्रेडरिक बैटिंग का जन्मदिन है, जिन्होंने 1922 में चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की थी। डायबिटीज विश्व स्तर पर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। बड़े-बुजुर्गों से लेकर बच्चों में भी डायबिटीज के मामले देखने को मिल रहे हैं। डायबिटीज में आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जिसे कंट्रोल करना काफी मुश्किल होता है।




