ध्वनि प्रदूषण करने वालों की अब खैर नहीं,दोबारा शिकायत पर होगा मुकदमा: पुलिस आयुक्त

वाराणसी (चेतन उपाध्याय)। ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाने वाली राष्ट्रीय संस्था ‘सत्या फाउंडेशन’ ने सोमवार की देर शाम पुलिस आयुक्त के कैंप ऑफिस पर मुलाकात करके ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ ज्ञापन दिया। पुलिस आयुक्त ने बहुत ही ध्यानपूर्वक पढ़ा और ‘सत्या फाउंडेशन’ के प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिलाया कि ध्वनि प्रदूषण को बहुत गंभीरता से लिया जाएगा। लोगों में कानून के प्रति सम्मान पैदा करने के लिए अब पुलिस स्वतः संज्ञान लेकर (Suo Motto) मुकदमा करेगी।
ज्ञातव्य है कि दिन में डेसीबल सीमा (Decibel Limit) का उल्लंघन करने या रात्रि में समय सीमा (Time Limit) का उल्लंघन करने पर दोषी के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण एक्ट-1986 के तहत ₹1,00,000 तक का जुर्माना या 5 साल तक की जेल या एक साथ दोनों सजा हो सकती है। नियम के मुताबिक सिवाय साउंड प्रूफ सभागार के रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच, किसी भी प्रकार के शोर पर पूर्ण प्रतिबंध है। दिन के दौरान भी ध्वनि परिसर के अंदर तक ही सीमित रहनी चाहिए।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जनता से अपील की जाएगी ।डायल 112 पर गुप्त शिकायत प्रावधान का इस्तेमाल करें। इसके लिए बस आपको कहना होगा कि मेरा नाम नंबर गुप्त रखा जाए। पुलिस दिन में साउंड को काम कराएगी। रात्रि 10 बजते ही स्विच ऑफ कराएगी, नहीं मानने वालों पर या दोबारा ध्वनि अपराध करने वालों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा किया जाएगा। ‘सत्या फाउंडेशन’ के प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री हरविंदर सिंह आनंद, जसबीर सिंह बग्गा, एस.के. अग्रवाल और संस्था के संस्थापक सचिव, चेतन उपाध्याय शामिल थे।