
तारा त्रिपाठी
मिर्जापुर। राजगढ़ क्षेत्र के राजगढ़ बाजार में सामुदायिक अस्पताल पचोखरा बघौड़ा सक्तेशगढ़ खटखारिया धौहा रामपुर ढबही मैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं भावा व तेंदुआ कला में आयुर्वेदिक तथा कलवारी में होम्योपैथिक अस्पताल खुला हुआ है पर किसी अस्पताल पर महिला डॉक्टर की नियुक्ति न होने से महिला मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों ने क्षेत्रीय विधायक एवं सांसद जो कि स्वयं स्वास्थ्य मंत्री हैं उनसे इस समस्या का समाधान करने के लिए कहा फिर भी यह समस्या हल नहीं हो पाई।
नौ न्याय पंचायत एवं 161 ग्रामों में 213573 आबादी वाले इस ब्लॉक में स्वास्थ्य सेवाएं काफी लचर हैं जहां पर 102227 महिलाएं रहती हैं उनके लिए इस ब्लॉक में एक भी सरकारी महिला डॉक्टर नहीं है जिससे वह अपनी परेशानियों को कह कर अपना इलाज कर सके क्योंकि बहुत सी महिलाएं पुरुष डॉक्टर से अपना इलाज नहीं करना चाहती एवं अपना बात नहीं बताना चाहती। ऐसे में क्षेत्र की जनता चाहती है कि सभी स्वास्थ्य सेवाओं पर एक-एक महिला डॉक्टरों की नियुक्ति हो साथ में रक्त जांच करने की सुविधा भी उपलब्ध हो क्योंकि कई अस्पतालों पर रक्त परीक्षण का पोस्ट तो है पर ना वहां पर न उपकरण है ना कोई लैब टेक्नीशियन इसलिए मरीज को बाहर जांच करवाना पड़ता है क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि राजगढ़ अस्पताल में लगे एटीएम हेल्थ मशीन को भी चालू किया जाए जिससे सभी जांच फ्री में एक ही स्थान पर हो सके।
ग्रामीण जनता बोली
हमारे अस्पताल पर कोई महिला डॉक्टर नहीं है हम लोग गरीब परिवार से आते हैं सक्तेशगढ़ अस्पताल पर कोई सुविधा नहीं मिलती हम लोग चाहते हैं कि इस अस्पताल पर सभी सुविधाएं एवं महिला डॉक्टर की नियुक्ति हो।
सविता देवी खम्हवा सक्तेशगढ़
यदि अस्पताल में महिला डॉक्टर रहती तो महिलाएं अपनी समस्या महिला से कह
लेती पर पुरुषों से कहने में संकोच लगता है और कहती भी नहीं है जिससे महिलाओं की बीमारी बढ़ती जाती है और वह परेशान रहती है इसलिए अस्पतालों पर महिला डॉक्टरों की नियुक्ति जरूर हो।
गुड्डी देवी जमती सक्तेशगढ़ राजगढ़ मिर्जापुर
ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों पर एक महिला डॉक्टर की नियुक्ति के साथ खून जांच की सुविधा होना बहुत ही जरूरी है जिससे गरीब जनता को इलाज करने में सुविधा हो सरकारी अस्पतालों पर इन सुविधाओं के न रहने से गरीब जनता का शोषण हो रहा है।
राधा रमन सिंह पूर्व प्रधान लहास राजगढ़ मिर्जापुर
ग्रामीणों एवं गरीब मरीजों की आवश्यकता को देखते हुए बघौड़ा सहित सभी सरकारी अस्पतालों पर महिला डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए नहीं तो यह अस्पताल केवल शो पीस बने हुए हैं डॉक्टर और दवा दोनों न रहने के कारण गरीब लोगों को जांच कराने में काफी पैसा देना पड़ता है क्योंकि मरीज को खून जांच बाहर करवाना पड़ रहा है जबकि अस्पताल पर इसकी सुविधा दिखाई गई है लेकिन कोई सुविधा नहीं मिल रही है।