विदेश

लॉस एंजलिस आग हादसे को क्यों गाजा से जोड़ कर देख रही दुनिया

मुफ्ती ने भी कहा अपनी लगाई आग में जल रहा अमेरिका

 

सरफराज अहमद

वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति में डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी बार ताजपोशी होने से पहले ही कैलिफोर्निया के लॉस एंजलिस के जंगल की आग का विकराल रूप लेना और भारी तबाही मचाना ट्रंप के लिए अशुभ संकेत माना जा रहा है। इस भयानक अग्निकांड से बाहर और भीतर तमाम लोग झुलसे हुए हैं। कइयों के कारोबार प्रभावित हुए हैं। अनेक हॉलीवुड सितारों के घर-बंगले सब तबाह हो गए। वहां केवल धुआं, चिंगारी और मौत का मंजर मचा हुआ है। लेकिन दूसरी तरफ इस आपदा को गाजा नरसंहार और पलायन का परिणाम बताते भी लोग नहीं तक रहे हैं। भारत में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इसे गाजा का नतीजा बताया है लेकिन यह बात महबूबा तक ही सीमित नहीं है। सोशल मीडिया पर इस विनाशकारी आग को गाजा युद्ध से जोड़कर कई सारी पोस्ट्स वायरल हो रही हैं और अमेरिकी नीति पर निशाना साधा जा रहा है। पोस्ट में लिखा जा रहा है कि अमेरिका गाजा को जलाने का परिणाम भुगत रहा है। इजरायल-अमेरिका विरोधी कई एक्टिविस्ट्स इसी तरह के बयान जारी कर रहे हैं। एक्टिविस्ट्स लिख रहे हैं- अमेरिका ने गाजा में अस्पताल और रिफ्यूजी कैंप जलाए, आज वह खुद अपनी लगाई आग में जल रहा है। गाजा में लोगों को जिंदा जलाया गया, आश्चर्य नहीं, कहीं ये आग हमारे घर तक न पहुंच जाए…गाजा की लपटें यहीं नहीं रुकेंगी… गाजा पर सैकड़ों बम गिराने का परिणाम है…वगैरह वगैरह।

लोगों का तो यहां तक कहना है कि अमेरिका ने जो गाजा में करवाया, ये आग उसी वजह से फैली है. इजरायल और अमेरिकी विरोधियों का कहना है कि जो अमेरिका ने किया उसे उसी का फल मिल रहा है. अमेरिकी आग पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अमेरिका को अब गाजा का दर्द ठीक से समझ आएगा? महबूबा ने ये भी कहा कि अमेरिका को पता चलना चाहिए कि किसी का घर और जिंदगियां खत्म होने पर कैसा दर्द होता है? हालांकि पूरी दुनिया इस बात पर चिंता प्रकट कर रही है कि लॉस एंजलिस आग का कनेक्शन पर्यावरणीय लापरवाही से है। सैंटा एना की हवाओं ने जंगल की आग को शहरों की ओर फैला दिया, जिसकी चपेट में बड़ी आबादी भी आ गई। पर्यावरण का संकट केवल पहले का ही नहीं है बल्कि आग के बाद का भी है। जंगलों के जल जाने से अब वहां पर्यावरण का संकट नये सिरे से खड़ा होने वाला है। यह एक बड़ी प्राकृतिक त्रासदी है, जिसे दो पॉवर सेंटर के युद्ध में हुए संहार से जोड़ दिया गया है। लॉस एंजलिस आग को प्राकृतिक आपदा के रूप में देखा जा रहा है। कुछ लोगों ने इसे अमेरिकी चुनाव प्रचार अभियान के दौरान बरती गई घोर लापरवाही का नतीजा भी बताया है। सत्ताधारी डेमोक्रेट्स का इस ओर उचित समय पर ध्यान नहीं दिया गया और ना ही रिपब्लिकन ने अपने अभियान में इस संकट की ओर इशारा किया। नतीजा घोर लापरवाही और अनदेखी की वजह से जंगल की चिंगारी ज्वालामुखी बन गई. अब बताया जा रहा है कि इस आग को बेहतर रोकथाम के साथ टाला जा सकता था।

पिछले करीब पंद्रह महीने के दौरान गाजा युद्ध में 40,000 से ज्यादा हमले हुए हैं, जिसमें 46,000 से ज्यादा नागरिकों की मौत हुई है. घायलों की संख्या करीब 1 लाख से ज्यादा है तो वहीं लापता लोगों की संख्या 10 हजार से ज्यादा है. 21 लाख आबादी वाले गाजा में 90 फीसदी लोग बेघर हैं। यहां 60 फीसदी घर हमलों में तबाह हो चुके हैं. युद्ध की वजह से यहां की 85% आबादी पयालन कर चुकी है।

वहीं कैलिफोर्निया के लॉस एंजलिस में आग के हाहाकार में 10,000 से ज्यादा घर जलकर खाक हो चुके हैं. 1 लाख 60 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। आग की वजह से अब तक काफी लोगों की मौत हो गई है। लॉस एंजलिस के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। कर्फ्यू आग वाले इलाकों में लगा है।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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