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उत्तर प्रदेश में 63 हजार निजी स्कूलों की छह लाख सीटों पर आरटीआई के तहत होगा प्रवेश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया एक दिसंबर से शुरू होगी। इस बार स्कूलों व सीटों की संख्या बढ़ी है। 2025-26 में 62871 हजार निजी स्कूलों की छह लाख सीटों पर प्रवेश होंगे। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों का पुराना बकाया भुगतान होने के बाद इसमें निजी स्कूल भी रुचि ले रहे हैं। यही वजह है कि नए सत्र में आरटीई के लिए विभाग की ओर से 62871 स्कूल मैप किए जा चुके हैं। वहीं इसमें से 62829 स्कूलों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इसी तरह कक्षा एक में 391130 व प्री प्राइमरी में 211935 सीट पर प्रवेश लिए जाएंगे। पिछले साल लगभग 3.57 लाख आवेदन हुए थे। इस बार विभाग पांच गुना आवेदन करने का लक्ष्य लेकर काम कर रहा है। उप शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस बार आवेदन के लिए प्रदेश भर में ब्लॉक स्तर पर शिक्षा विभाग के कार्यालयों में हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी। अगर किसी अभिभावक को आवेदन करने में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो वह यहां आवेदन नि:शुल्क करवा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार दिसंबर से ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जा रही है जो चार चरणों में मार्च तक पूरी कर ली जाएगी।पता हो की कक्षा एक में आगरा में सर्वाधिक 12608, जौनपुर में 12295, आजमगढ़ में 11795, बरेली में 10689, प्रयागराज में 9629, फिरोजाबाद में 9007, मुजफ्फरनगर में 9096, गाजीपुर में 8652, गोंडा में 8279 सीटें हैं। वहीं प्री प्राइमरी में लखनऊ में सर्वाधिक 23889, गोरखपुर में 9853, गाजियाबाद में 8333, वाराणसी में 8259, गौतमबुद्ध नगर में 8176, कानपुर नगर में 7429 सीटें हैं।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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