कुशीनगर

सीतापुर पत्रकार हत्याकांड को लेकर कुशीनगर के पत्रकारों में आक्रोश

— श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के पत्रकारों ने हत्यारों की गिरफ्तारी और पत्रकार सुरक्षा कानून की एक स्वर में की मांग

हिन्दुस्तान संदेश
कुशीनगर। सूबे के सीतापुर में पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेयी की दिन दहाड़े गोली मारकर की गई हत्या को लेकर पत्रकारों में भारी आक्रोश है। घटना की पत्रकार संगठनों ने कड़ी निंदा करते हुए हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करने  और देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की एक स्वर मांग की है।

श्रमजीवी पत्रकार यूनियन कुशीनगर के जिलाध्यक्ष सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने देश में आए दिन पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युवा पत्रकार की निर्मम हत्या लोकतंत्र की हत्या है। सरकार और जनता के बीच एक सेतू की तरह काम करने वाला पत्रकार अपने कर्तव्यों का निर्वहन बखूबी करता है। सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दे और पत्रकारों के हित में कानून लाए।

श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला महामंत्री संजय चाणक्य ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पत्रकार लोकतंत्र का प्रहरी कहा जाता है। आज भाजपा की सरकार में विकसित भारत निर्माण का संकल्प चल रहा है लेकिन जिस तरह से सीतापुर के पत्रकार की हत्या की गई और अब तक हत्यारे प्रशासन की गिरफ्त से बाहर हैं जो व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है। प्रदेश की योगी सरकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड का जल्द से जल्द पर्दाफाश करें। नहीं तो पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए पत्रकार सड़क पर उतरेंगे।

श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के उपाध्यक्ष  ज्योतिभान मिश्र ने कहा कि आए दिन पत्रकारों के साथ घट रही घटनाओं पर रोक लगाई जाय। उन्होने सरकार से पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग करते हुए कहा कि सीतापुर में हुई घटना मानवता पर कड़ा प्रहार है, पीड़ित परिवार को न्याय दिया जाय।

संगठन मंत्री बृजबिहारी त्रिपाठी ने सीतापुर में हुए राघवेंद्र हत्याकांड की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की ताकि घटना का सही तरीके से खुलासा हो सके। आगे कहा कि पीड़ित परिवार के साथ इस दुःख की घड़ी में सभी पत्रकार साथ हैं। सरकार पत्रकारों के हक में उनकी सुरक्षा के लिए पूरे देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करे। पत्रकारों ने कहा मारे गए पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई के हत्यारों को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई ।

सरकार पीड़ित परिवार के आश्रितो को पचास लाख रुपये मुआवजा व दिवंगत पत्रकार के पत्नी को सरकारी नौकरी उपलब्ध कराये। पत्रकारों ने चेताया कि अगर पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला तो देशभर के पत्रकार सडक से लेकर सदन तक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

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