
गाजीपुर। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार हमेशा गरीबों व वंचितों के प्रति समर्पित रहती है। आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम जन औषधि दिवस मना रहे हैं। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत गांवों में कैंप लगाकर लोगों को जन औषधि केंद्र पर सस्ते व गुणवत्ता युक्त मिलने वाली दवाओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है। भाजपा सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध हैं कि कोई भी व्यक्ति पैसे के अभाव में दवाओं व इलाज से वंचित नहीं रहे।
यह बात राज्यसभा सांसद डा. संगीता बलवंत ने शुक्रवार को जहुराबाद विधानसभा के सलेमपुर ग्रामसभा में जन औषधि दिवस पर लगाए गए कैम्प के निरीक्षण बाद दवा, सेनेटरीपैड और चश्मा वितरण के दौरान कही।

उन्होंने इस परियोजना को विस्तार से बताते हुए कहा कि 2016 में इस योजना के तहत 199 प्रकार की दवाएं बेची गईं।
2017 में 98 प्रकार की बीमारियों के लिए 700 से अधिक जेनेरिक दवाएं और 164 सर्जिकल आइटम बेचे गए। मार्च 2018 में सुविधा नाम से लड़कियों के सैनिटरी नैपकिन की बिक्री शुरू हुई। 2019 में 900 प्रकार की जेनेरिक दवाएं और 154 सर्जिकल उत्पाद बेचे गए। 2024 तक 2047 प्रकार की जेनेरिक दवाइयां और 300 से अधिक सर्जिकल उत्पाद बेचे जा रहे हैं। बिक्री में 5 आयुर्वेदिक उत्पाद भी शामिल किए गए हैं।इस योजना के तहत पिछले 10 वर्षों में 5600 करोड़ से अधिक की बिक्री के माध्यम से 30000 करोड़ से अधिक सार्वजनिक धन की बचत हुई है। 2014 से पहले जन औषधि केंद्रों की संख्या पूरे देश में मात्र 240 थी और जब 2014 के बाद जब भाजपा की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री जी ने इस विषय को गंभीरता से लिया और गरीबों के कल्याण हेतु आज जन औषधि केन्द्रों की संख्या 240 से बढ़ाकर 15000 कर दिए।