सरफराज अहमद
वाराणसी। ५ मार्च यानी ४ रमजान को भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के आवास पर रमजान उल मुबारक के पहले बुधवार को कदीमी इफ्तार का आयोजन किया गया। काज़िम हुसैन और नाज़िम हुसैन के संयोजन में मौलना सैयद मोहम्मद अकील हुसैनी ने इफ्तार से पहले नमाज अदा कराई। इफ्तार के लिए दस्तरख्वान पर हर तरह की नेमत, फल, फूल , मिठाई, मेवा आदि मौजूद थी। इसके बाद मजलिस का आयोजन हुआ। मजलिस के बाद शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी सैयद फरमान हैदर ने खान साहब का पसंदीदा नोहा ‘मारा गया है तीर से बच्चा रबाब का, बच्चा भी वो जो पारा-ए-दिल था रबाब का।’ पेश किया। इसके बाद उनकी याद में दुआख्वानी हुई और फातेहा पढ़ी गई। इस अवसर पर शिरकत करने वालों में मुर्तुजा शम्सी, मुनाजिर मंजू, आबिद उर्फी, जिया उल हसन, मोहम्मद सिब्तैन, शकील अहमद जादूगर, वली हसन, आफाक हैदर, काबे अली, तथा उनके परिवार के तमाम लोग शामिल हुए। इस अवसर पर हैदर ने बताया कि ७० सालों से अधिक समय से ये इफ्तार का आयोजन हो रहा है। खां साहब जब जीवित थे तो स्वयं रोजदारों का इस्तेकबाल करते थे। अब उनके परिवार के लोग ये रिवायत उनकी याद को ताज़ा रखने के लिए निभा रहे हैं।