
चरित्र का निर्माण पिता के चरण में – पद्मश्री सुपरकार
वरिष्ठ पत्रकार मुन्नू प्रसाद पाण्डेय का 12 वी पुण्य कार्य क्रम सम्पन्न
वाराणसी। पत्रकार स्व. मुन्नू प्रसाद पाण्डेय का 12वीं पुण्य तिथि वाराणसी नागारिक संघ के तत्वावधान में शुकुवार को पराड़कर स्मृति भवन के सभागार में सम्पन्न हुआ। ज्ञातव्य हो कि स्व मुन्नू प्रसाद पाण्डेय वाराणसी नागरिक संघ के अध्यक्ष, राम मय रात के संस्थापक, काशी पत्रकार संघ मानद सदस्य व वरिष्ठ पत्र सम्पादक रम्भा रहे। समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री भाष चंद्र सुपरकार (टेक्सटाइल डिजायनर), विशिष्ट अतिथि लाल राम किशुन गुप्ता, डा हिमांशु उपाध्याय, देवब्रत मिश्रा,डा पवन कुमार शास्त्री, डा अत्रि भारद्वाज रहे ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो० प्रेम शंकर दूबे (पूर्व डायरेक्टर अशोका इंस्टीट्यूट) ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्व मुन्नू प्रसाद पाण्डेय के चित्र पर माल्यार्पण वमंगलाचरण राधिका रंजन तिवारी से हुआ।
स्वागत सुधीर कुमार रस्तोगी (मुकुट वाले) एवं वरिष्ठ पत्रकार डा कैलाश सिंह विकास तथा संयोजन सुरेश प्रसाद पांडेय (संयोजक) संचालन डा अशोक सिंह व धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम मिश्रा ने किया।
हिन्दी हितैषी परिषद के डा हिमांशु उपाध्याय व कविंद्र नारायण श्रीवास्तव ने संयोजक सुरेश प्रसाद पाण्डेय को “श्रवण कुमार सम्मान से सम्मानित किया।
ज्ञातव्य हो कि हिन्दी हितैषी परिषद श्रवण कुमार सम्मान गत वर्ष किसी एक व्यक्ति को देने की हर साल देने की घोषणा किया था।
अगले वर्ष हेतु अन्तर्राष्ट्रीय सितार वादक देवब्रत मिश्रा को देने की घोषणा कविन्द्र नारायण श्रीवास्तव ने की।
भजन गायिका सरोज वर्मा ने भजन गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व अन्य वक्ताओं ने स्व मुन्नू प्रसाद पाण्डेय के 12 वी पुण्य तिथि पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज महान व्यक्तित्व का परिचय मिला, जो हम सभी की प्रेरणा देता है। । ज्ञान सदैव पिता के चरण में मिला है।
चरित्र का निर्माण पिता के ज्ञान के अलावा कोई और नहीं दे सकता है। मुन्नू प्रसाद पाण्डेय जैसा सरल सहनशील होना वर्तमान परिस्थितियों मुश्किल है, लेकिन यह गुण मुन्नू प्रसाद पाण्डेय प्रसाद पाण्डेय में शामिल रहा। सभी के दिल में विराजते रहे। पीढ़ी बदल रहे है। संस्कार में बदलाव समाज को बांट रहा है। शान्तेि माता पिता के चरण में है और कही नहीं। कार्यक्रम में सर्वश्री सूर्यकान्त त्रिपाठी ,सत्यनारायण गोयनका डा श्याम सुन्दर गांगुली, डा कैलाश सिंह विकास, अशोक अग्रवाल, सिद्धनाथ शर्मा, आशीर्वाद सिंह, आनन्द कुमार सिंह, वीना त्रिपाठी, राम मिलन श्रीवास्तव, सियाराम मिश्रा, प्रियम्बदा सिंह, डा० विजय कपूर, बनवारी सिंह, आकाश पाण्डेय, सहित अनेक गणमान्य ने विचार व्यक्त किया।