कहानियों के माध्यम से बच्चों का जीवन से जुड़ाव होता है-डीएम

सनबीम स्कूल मुगलसराय में किताबों के ज्ञान पर आधारित वार्षिकोत्सव ‘टर्निंग पेजेज़’ का हुआ आयोजन
चन्दौली । बच्चों के जीवन में किताबें बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये किताबें बच्चों को नई दुनिया से परिचित कराती हैं, उनकी कल्पना को बढ़ावा देती हैं और उनके भाषा कौशल को विकसित करती हैं। इसके अलावा, किताबें बच्चों को अलग-अलग विषयों जैसे कि रंग, आकार, और जानवरों के बारे में जानने का मौका देती हैं, सामाजिक मूल्यों और नैतिकता के बारे में सिखाती हैं, बच्चों को अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने का मौका देती हैं, बच्चों को पढ़ने की आदत डालने में मदद करती हैं, बच्चों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं ।

इन्ही उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न कहानियों के पात्रों को अभिनय, नृत्य, गीत एवं संवाद के माध्यम से जीवंत करते हुए सनबीम स्कूल मुग़लसराय के नर्सरी से कक्षा 2 तक के छात्र – छात्राओं ने वार्षीकोत्सव ‘टर्निंग पेजेज़’ को प्रस्तुत किआ ।

‘टर्निंग पेजेज़’ में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जानवरों के प्रति बच्चों का लगाव, कविताओं ,कहानियों की लयात्मक दुनिया, दृश्य ,एहसास आदि का समन्वय एक अनोखे ढंग से चित्रित किया गया। लघु कथाओं में विशेषकर अकबर-बीरबल, पंचतंत्र में भाषा की विविधता और सुंदरता नज़र आ रही थी। इन कहानियों का उद्देश्य नन्हें बच्चों को किसी नई संस्कृति ,नए विचार या नए तथ्यों से अवगत भी करना था।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में चंदौली जिले के मजिस्ट्रेट निखिल टीकाराम फूंडे सपरिवार उपस्थित रहे| कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय की उपनिदेशिका श्रीमती श्रुति अग्रवाला, प्रधानाचार्या श्रीमती सौमिता चटर्जी तथा उप प्रधानाचार्य राम प्रताप सिंह द्वारा सम्मिलित रूप से मुख्य अतिथि गणों का स्वागत करते हुए दीप प्रज्ज्वलन करके हुआ|
डीएम ने बच्चों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा की कहानियों के माध्यम से बच्चों का जीवन से जुड़ाव होता है, हमेशा कुछ नया करने कि सीख मिलती है और उनके आत्मविश्वास को भी बल मिलता है| साथ ही डीएम ने विद्यालय प्रबंधन की भी प्रशंसा कि ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करवाने के लिए जिससे कि बच्चों में रीडिंग स्किल्स और 21वीं सदी कि सभी आवश्यक स्किल्स का डेवलपमेंट हो सके|

किताबों के पृष्ठों पर सजी सुंदर सजीव कहानियों की प्रस्तुति ने नन्हें बच्चों के माता-पिता के हृदय को छू लिया| इन्हें सुखद अनुभूति इस बात की हो रही थी कि उनके बच्चे नवीन शब्दकोष का उपयोग करते हुए अपनी खुद की पहचान बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
विद्यालय की निदेशिका श्रीमती श्वेता कनोडिया ने अपने भाषण द्वारा नन्हें कलाकारों की खूब प्रशंसा की और अभिभावकों से अनुरोध किया कि अपने बच्चों को भी कहानी सुनाएंँ और उन कहानियों के माध्यम से अपने बच्चों को सटीक मूल्यों का ज्ञान सरल भाषा में देने का प्रयास करें, तभी किताबों की उपयोगिता सार्थक होगी|
धन्यवाद ज्ञापन प्राइमरी विंग की हेडमिस्ट्रेस वसुंधरा ऋषि द्वारा किया गया |